दिन की शुरुआत प्रभात खबर से ही होती है. इसमें लोकल खबरें अधिक से अधिक रहती हैं. इससे स्थानीय लोग अखबार के टच में रहते हैं. मैंने अन्य अखबार भी ट्राई किया, लेकिन सबसे अच्छा प्रभात खबर ही लगा. मेरे घर में सभी प्रभात खबर ही पढ़ते हैं.
– दीपक टोंक, बिजनेसमैन
प्रभात खबर, जमशेदपुर और पूरे झारखंड का लीडिंग अखबार है. इसमें इनफॉर्मैटिक खबरें रहती हैं. और हर खबर टू द प्वाइंट रहती है. न कोई खबर बड़ी और न ही छोटी. जितनी बात होनी चाहिए उतनी ही रहती है. इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह कभी मिसगाइड नहीं करता.
– जयेश आर अमीन, बिजनेसमैन
प्रभात खबर से ही हमारा प्रभात होता है. आदत सी बन गयी है. जब तक प्रभात खबर नहीं देखता सेटिस्फेक्शन नहीं होता. मेरी दुकान और घर दोनों जगह प्रभात खबर ही आता है. पूरे परिवार का यह सबसे प्रिय अखबार है. इसमें पाठकों के लिए पूरी सामग्री रहती है.
– बिपिन भाई अडेसरा, बिजनेसमैन
मेरे अनुसार ऑथेंटिक, नेशनल, लोकल और ग्लोबल न्यूज का मिश्रण है प्रभात खबर. प्रभात खबर पढ़ लेने के बाद दूसरा अखबार पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती. अपनी इसी खासियत की वजह से प्रभात खबर नंबर वन अखबार बना हुआ है. बधाई.
– चेतन अडेसरा, बिजनेसमैन
मेरा प्रभात खबर से पुराना नाता है. शुरू-शुरू में मेरे आलेख इसमें छपे हैं. यह सर्वधर्म समन्वय की बात करता है. हर तरह की समस्याओं और खबरों को, चाहे वह साहित्य,फिल्म जगत, खेलकूद, रोजगार संबंधी हो, सभी को प्रमुखता से प्रकाशित करता है. अपने सिद्धांत से कभी समझौता नहीं करता.
– गुणवंत राय पारीख, समाजसेवी
मुझे प्रभात खबर का एडिक्शन है. यह अखबार नहीं पढ़ा तो दिन गुजरता नहीं. मेरी मां पुष्पा गौरी व्यास 99 वर्ष की हैं. वह भी हर रोज प्रभात खबर ही पढ़ती है. प्रभात खबर क्रिएटिव चीजों को प्रमोट करता है. इसमें खोजी खबरें अधिक रहती हैं. मेरी मां का इसमें इंटरव्यू छपा है.
– हर्ष कुमार व्यास, समाजसेवी
प्रभात खबर जमशेदपुर के एक एक कोने की खबर छापता है. मैं बहुत पहले से इस अखबार को मंगा रहा हूं. पेपर की क्वालिटी, प्रिंट सब कुछ अच्छा है. इसकी खबरों में पारदर्शिता रहती है. इसलिए प्रभात खबर को जमशेदपुर का हर पाठक पसंद करता है.
– मनोज अडेसरा, समाजसेवी
प्रभात खबर निर्भीक निष्पक्ष और इनफॉर्मेटिक खबरें देता है. दूसरा बार मुझे पसंद नहीं आया. कई अखबार वाले आए किसी ने कुछ फ्री दिया, किसी ने कुछ गिफ्ट दिया. लेकिन मुझे पसंद प्रभात खबर ही आया. इसमें बिजनेस की खबरें और होनी चाहिए.
-विजय मेहता, ऑनरी सेक्रेटरी, नरभेराम हंसराज गुजराती स्कूल
मैं 15 16 वर्षों से प्रभात खबर ले रहा हूं या डायनेमिक है. इसका संपादकीय बहुत अच्छा होता है, स्पोर्ट्स की खबरें, आर्टिकल, संस्कृति, धार्मिक और सांस्कृतिक खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता है. इतनी अच्छी सामग्री किसी अखबार में नहीं रहती.
– प्रकाश मेहता, समाजसेवी
जागरूक पत्रकारिता का साक्षात उदाहरण है प्रभात खबर. इसमें देश-विदेश और सामाजिक खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता है. धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम की खबरों को जगह मिलती है. अखबार की सबसे बड़ी खूबी है सकारात्मक खबरों को बल देना.
– प्रहलाद ठक्कर, समाजसेवी
प्रभात खबर में कमी लायक कुछ नहीं है. मेरे अनुसार यह पारिवारिक अखबार है. घर-घर में यह अखबार आता है. और पूरे परिवार के लोग मिलकर इसे पढ़ते हैं. सामाजिक खबरें हों, संस्थागत खबरें हों यह देश विदेश की खबरें हों सभी की प्रमुखता रहती है.
– समीर मकानी, बिज़नेस मैन
प्रभात खबर संपूर्ण अखबार है. इसमें बच्चों के लिए बाल प्रभात आता है, जिसमें ड्राइंग रहती है. गृहणियों के लिए अलग से सामग्री रहती है. यूथ के लिए अलग खबरें रहती हैं. पर्व, त्योहार, यूनियन, कारखाना हर तरह की खबरों का सागर है प्रभात खबर.
– महेश कुमार पटेल, समाजसेवी
प्रभात खबर छोटी-सी-छोटी खबरों को भी अहमियत देता है. और बहुत ही तरीके से छापता है. इसके प्रिंट, अखबार की क्वालिटी बहुत अच्छी है. इसलिए दिन-ब-दिन पाठकों की संख्या बढ़ती जा रही है. 25 वर्ष तक नंबर वन पोजिशन बनाए रखना किसी अखबार के लिए मायने रखता है.
– विनीता शाह, समाजसेवी
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खासियत जो मुझे लगती है वह है झारखंड भर की हर खबर का रहना. इसमें जमशेदपुर के कोने-कोने की खबरें तो रहती ही हैं, प्रदेश की भी कोई खबर छुटती नहीं है. यही वजह है कि मेरे घर में शुरू से प्रभात खबर ही आ रहा है.
– बाबू भाई पटेल, समाजसेवी
खबर तो खबर है फिर भी प्रभात खबर दुख और गम की खबरों को थोड़ा साइड में रखने की कोशिश करता है. इस कारण पाठकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. लोकल खबरें पढ़नी है तो प्रभात खबर से अच्छा कोई अखबार नहीं है. कला साहित्य, तीज त्योहार, खेलकूद हर तरह की खबर रहती है.
– कांतिभाई पटेल, समाजसेवी
मेरे घर में शुरू से प्रभात खबर आता है. हमलोगों ने दूसरा अखबार नहीं मंगाया. वजह है इसकी खबरों पर विश्वास होना. प्रभात खबर में छप गया मतलब खबर सही है. प्रभात खबर जमशेदपुर में 25 वर्ष पूरा कर रहा है, सुनकर अच्छा लग रहा है. पूरी टीम को बधाई.
-दिनेश पटेल, समाजसेवी
झारखंड के लिए आंदोलन है प्रभात खबर. मेरी ओर से शुभकामनाएं. यह अखबार पत्रकारिता के दायित्व को निभा रहा है. पाठकों की अपेक्षाओं पर पूरी तरह से उतर रहा है. खोजी खबरें आजकल कम दिखती हैं. जो प्रभात खबर में रहती है. लोकल खबरों का भंडार है इसमें.
– राजेश पटेल, समाजसेवी
मेरे ख्याल से जमशेदपुर के लगभग हर घर में प्रभात खबर आता है. इसकी वजह है शहर और इसके आसपास के कोने कोने की खबर का इस अखबार में होना. जिसे स्थानीय लोग पढ़ना चाहते हैं. इसकी संपादकीय बहुत अच्छी है. कई कॉलम अच्छे हैं. लाइफ @ जमशेदपुर लोकप्रिय बन गया है.
– बिजल वसानी, गृहिणी
मेरे घर में शुरू से प्रभात खबर आ रहा है. अन्य अखबार पर जल्दी विश्वास नहीं होता. प्रभात खबर में छपी खबरों को लोग ऑथेंटिक मानते हैं. कोरोना संकट के दौर में भी लोकल खबरों की भरमार रहती है. जिससे इसकी विश्वसनीयता बनी हुई है.
– धर्मेश वसानी, बिजनेसमैन
प्रभात खबर नंबर वन अखबार है. मेरे घर के सामने ही इसका दफ्तर है. इस अखबार से सटीक जानकारी मिलती है. मैं आठ-नौ साल से लगातार यह अखबार ले रहा हूं. मुझे दूसरा अखबार कभी अच्छा नहीं लगा. एक तरह से प्रभात खबर पढ़ने की आदत सी हो गई है.
– शरद पटेल, समाजसेवी
प्रभात खबर फैमिली जैसा हो गया है. कहने का मतलब परिवार के हर सदस्य के लिए इसमें कुछ न कुछ सामग्री रहती है. ग्रहणी के लिए तरह-तरह के डिश हैं. बच्चों के लिए बाल प्रभात है. जिसे स्पोर्ट्स में रुचि है उसके लिए स्पोर्ट्स से संबंधित हर तरह की खबरें रहती हैं. साहित्य कला संस्कृति हर खबर है यहां.
– मिताली पटेल, गृहिणी
मैं सात-आठ वर्षों से प्रभात खबर ले रहा हूं. मुझे राजनीति में रुचि है. इस अखबार में राजनीति से संबंधित खबरें बहुत विस्तार से छपती हैं. जो पठनीय होती हैं. राशिफल रहता है, साहित्य संस्कृति की खबरें होती हैं. तीज त्योहार की खबरें छपती रहती हैं.
– रोशन प्रसाद, समाजसेवी
जमशेदपुर में प्रभात खबर के प्रकाशन का 25 वर्ष पूरा हो रहा है. मुझे जमशेदपुर में आए भी 25 वर्ष हो गये. तब से मैं प्रभात खबर से जुड़ी हूं. उस दिन से लेकर आज तक लगातार मेरे घर में प्रभात खबर ही आ रहा है. इसकी विश्वसनीयता ही इसकी विशेषता है.
– मनीषा मेघानी, गृहणी
मेरे लिए प्रभात खबर अखबार नहीं विश्वास है. इसमें सच्ची खबरें रहती हैं. इसलिए इसकी प्रमाणिकता है. अन्य अखबारों पर जल्दी विश्वास नहीं होता. जब तक प्रभात खबर में खबर छप न जाए समझो छपी ही नहीं. इसलिए मेरा यह पसंदीदा अखबार है.
– नीरज पटेल, समाजसेवी
मैं प्रभात खबर पढ़ता हूं. इसमें स्थानीय समाचारों की प्रमुखता और बहुलता रहती है. हर जानकारी सही रहती है. हमलोग स्थानीय खबरों के लिए प्रभात खबर पर ही विश्वास करते हैं. स्थानीयता के साथ-साथ प्रदेश और देश-विदेश की खबरों को भी अखबार में प्रमुखता से जगह मिलती है.
– दिनेश पारीख, बिजनेसमैन
Post by : Pritish Sahay