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खुशखबरी : आसाध्य रोगों का इलाज भी होगा रेल अस्पताल में बोर्ड ने दी हरी झंडी, दपू रेलवे को मिला 20 लाख 88 हजार रेल व रिटायरकर्मी होंगे लाभान्वितगार्डेनरीच, टाटा, सीकेपी व राउरकेला में नयी व्यवस्था जल्दवरीय संवाददाता, जमशेदपुरअसाध्य रोग से पीडि़त रेलकर्मी, उनके परिजन व रिटायर रेलकर्मी का अब रेल अस्पताल में ही इलाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2015 7:03 PM

खुशखबरी : आसाध्य रोगों का इलाज भी होगा रेल अस्पताल में बोर्ड ने दी हरी झंडी, दपू रेलवे को मिला 20 लाख 88 हजार रेल व रिटायरकर्मी होंगे लाभान्वितगार्डेनरीच, टाटा, सीकेपी व राउरकेला में नयी व्यवस्था जल्दवरीय संवाददाता, जमशेदपुरअसाध्य रोग से पीडि़त रेलकर्मी, उनके परिजन व रिटायर रेलकर्मी का अब रेल अस्पताल में ही इलाज हो पायेगा. रेलवे बोर्ड ने केस-टू-केस बेसिस पर पीडि़तों का इलाज के लिए डॉक्टर हायर करने की सहमति प्रदान की है. गार्डेनरीच, टाटा, सीकेपी व राउरकेला अस्पताल में नयी व्यवस्था जल्द शुरू की जायेगी. इसे लेकर दपू रेलवे जीएम ने चीफ मेडिकल डायरेक्टर, चीफ मेडिकल सुपरवाइजर और चीफ मेडिकल ऑफिसर को आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं. इस बाबत 20 लाख रुपये का फंड मिला है. नयी व्यवस्था से जोनभर के 88 हजार रेल व रिटायरकर्मी लाभान्वित होंगे. रेल प्रशासन ने डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए यह कदम उठाया है. पूर्व में भी प्राइवेट डॉक्टर को बुलाया जाता था, लेकिन उन्हें ससमय अनुबंधित राशि नहीं मिलने पर वे काम छोड़ देते थे. 24 घंटे मिलेगी चिकित्सा सेवानयी व्यवस्था के तहत रेलवे अस्पतालों में 24 घंटे चिकित्सा सेवा का इंतजाम रहेगा, ताकि आपात समय में रेलकर्मी, उनके परिजन व रिटायर कर्मचारी की जान बचायी जा सके. वर्सन—–रेलवे अस्पतालों में असाध्य रोग समेत अन्य बीमारियों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों को केस-टू-केस में बुलाया जायेगा. इसके लिए जोनल स्तर पर फंड उपलब्ध कराया गया है. डॉ एसके सवर्णवाल, कार्यकारी निदेशक, स्वास्थ्य विभाग, रेलवे बोर्ड.

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