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भाजपा में विलय नहीं, विपक्ष के लिए मिला है जनादेश : मरांडी

अच्छे कार्य के लिए रचनात्मक सहयोग करेंगे, लेकिन जनहित में काम नहीं होगा तो सड़क पर भी उतरेंगे जमशेदपुर : झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने कहा कि उनकी पार्टी का भाजपा में विलय नहीं होगा. जनता ने विलय या सरकार में रहने के लिए जनादेश नहीं दिया है. जनादेश विपक्ष में बैठने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2015 6:50 AM

अच्छे कार्य के लिए रचनात्मक सहयोग करेंगे, लेकिन जनहित में काम नहीं होगा तो सड़क पर भी उतरेंगे

जमशेदपुर : झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने कहा कि उनकी पार्टी का भाजपा में विलय नहीं होगा. जनता ने विलय या सरकार में रहने के लिए जनादेश नहीं दिया है.

जनादेश विपक्ष में बैठने के लिए मिला है, इसलिए झाविमो विपक्ष में बैठेगा. श्री मरांडी जमशेदपुर परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे जनता के लिए राजनीति करते हैं, अपने लिए नहीं. इसलिए जनता ने जो दायित्व दिया है, उसे निभायेंगे.

संपूर्ण विकास करे भाजपा. श्री मरांडी ने कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा ने पूर्ण बहुमत, संपूर्ण विकास का नारा दिया था. भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है. अब वह संपूर्ण विकास करे. उन्होंने कहा कि विपक्ष के तौर पर सरकार को अच्छे कार्य के लिए रचनात्मक सहयोग करेंगे, लेकिन जनहित में काम नहीं होगा, तो सदन से लेकर सड़क तक विरोध करेंगे. भाजपा का उनसे विशेष लगाव होने व वापसी के सवाल पर श्री मरांडी ने कहा कि जिनसे लगाव होता है, उसके घर में तोड़-फोड़ नहीं की जाती है. नरेंद्र मोदी से मिलने के सवाल पर श्री मरांडी ने कहा कि जनहित के मुद्दे पर विपक्षी लोग प्रधानमंत्री से मिलते हैं, आवश्यकता पड़ी, तो वे भी मिलेंगे.

अरविंद सिंह की थी हत्या की साजिश

जमशेदपुर : जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ईचागढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद सिंह की हत्या की साजिश रची गयी थी. हत्या में सफल नहीं हो सके, तो जेवीएम प्रत्याशी श्री सिंह एवं उनके भाइयों के खिलाफ हरिजन-आदिवासी उत्पीड़न एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया गया. जबकि श्री सिंह के भाई घटनास्थल पर नहीं थे तथा एक भाई विकलांग है और घर पर ही रहते हैं.

सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में श्री मरांडी ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है. 2009 के विधानसभा चुनाव में झाविमो के चार कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी थी. चार लोगों की हत्या के मामले में पुलिस-प्रशासन को जो गंभीरता दिखानी चाहिए थी, वह नहीं दिखायी थी.

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