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10-20रु का नोट करा रहा है करोड़ों का फंड ट्रांसफर

।।संजीव भारद्वाज।। जमशेदपुरः चिटफंड-डेली वसूली करनेवाली कंपनियांे पर सरकार का शिकंजा कसने के बाद अब फंड ट्रांसफर करने का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. जमशेदपुर से हर दिन करीब 30-40 करोड़ रुपये का फंड ( सीधे शब्दों में काली कमाई कह सकते हैं) ट्रांसफर हो रहा है. अधिकांश पैसा मुंबई, रायपुर, दिल्ली, नासिक, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:30 PM

।।संजीव भारद्वाज।।
जमशेदपुरः चिटफंड-डेली वसूली करनेवाली कंपनियांे पर सरकार का शिकंजा कसने के बाद अब फंड ट्रांसफर करने का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. जमशेदपुर से हर दिन करीब 30-40 करोड़ रुपये का फंड ( सीधे शब्दों में काली कमाई कह सकते हैं) ट्रांसफर हो रहा है.

अधिकांश पैसा मुंबई, रायपुर, दिल्ली, नासिक, पटना और कोलकाता को ट्रांसफर किया जाता है.
राजस्व को नुकसान
अगर दस लाख रुपये कोई बिना कारोबार के बैंक के माध्यम से देता है तो उस पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है, वहीं यदि कारोबार के माध्यम से पैसे बैंक में डालता है तो उस पर 5-14 प्रतिशत वैट देना है, लेकिन फंड ट्रांसफर के मामले में इन दोनों से बचते हुए पूरी राशि मामूली ट्रांसपोटिंर्ंग चार्ज पर कहीं भी पहुंच जाती है. इससे सीधे राजस्व को नुकसान पहंुच रहा है. पिछले दिनों जमशेदपुर का एक कारोबारी 8-10 करोड़ रुपये ट्रांसफर का लेकर फरार हो गया.

कैसे होता है कारोबार
जमशेदपुर में बैठे व्यक्ति को यदि दिल्ली में दस लाख रुपये किसी को पेमेंट करना हो तो वह ट्रांसफर एजेंट से दस रुपये के नोट का नंबर लेकर व्यापारी को देता है. दिल्ली के कारोबारी का एजेंट उस दस के नोट को लेकर संबंधित व्यक्ति के पास दिल्ली में पेमेंट ले लेता है, जबकि दिल्ली का एजेंट जमशेदपुर के कारोबारी से नकद उतनी ही राशि प्राप्त कर लेता है. दस लाख रुपये के कारोबार में एक हजार रुपये बतौर कमीशन लिया जाता है, यह काम बिना किसी बैकिंग प्रक्रिया को पूरा किये महज एक घंटे में पूरा हो जाता है.

कौन-कौन हैं इस कारोबार में
आयरन ओर- खनन व्यवसायी, मिल्स एंड गोदाम वाले, लोहा के कारोबारी, प्राइवेट फर्नेस के मालिक, चावल, तेल, दाल, फल, आलू-प्याज के कारोबारी.

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