वाहन के धक्के से युवक की मौत

जमशेदपुर: सुंदरनगर थाना क्षेत्र से पांच किलोमीटर दूर कुदादा से पोटका जाने वाले मार्ग पर मंगलवार को वाहन (407) की चपेट में आने से साइकिल सवार की मौत हो गयी. उसकी पहचान चिरुगोड़ा मटकू टोला निवासी सबुआ मुमरू (24) के रूप में हुई, जबकि साइकिल पर सवार सबुआ का साथी मेघनाथ को खरोंच तक नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2015 7:53 AM
जमशेदपुर: सुंदरनगर थाना क्षेत्र से पांच किलोमीटर दूर कुदादा से पोटका जाने वाले मार्ग पर मंगलवार को वाहन (407) की चपेट में आने से साइकिल सवार की मौत हो गयी. उसकी पहचान चिरुगोड़ा मटकू टोला निवासी सबुआ मुमरू (24) के रूप में हुई, जबकि साइकिल पर सवार सबुआ का साथी मेघनाथ को खरोंच तक नहीं आयी. घटना को अंजाम देकर वाहन चालक गाड़ी समेत फरार हो गया. घटना लगभग दो बजे दिन की है. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी. सड़क पर लकड़ी व झाड़ी रख दिया था. जिससे दो घंटे तक आवागमन बाधित रहा.
बीपीएल सूची में नाम नहीं
सूचना पाकर सुंदरनगर थाना के पुलिसकर्मी, पोटका के जिला पार्षद संजीव सरदार, झामुमो पोटका प्रखंड अध्यक्ष सुधीर सोरेन व अन्य लोग पहुंचे. संजीव व सुधीर ने बीडीओ से फोन पर बात की और उनसे दुर्घटना होने पर मिलनेवाली राशि देने की मांग की. बीडीओ को बताया गया कि सबुआ दैनिक मजदूर था. मगर उसका नाम बीपीएल सूची में नहीं है. इसपर बीडीओ ने सहायता राशि देने में असमर्थता जतायी. उन्होंने सड़क निर्माण करा रहे सुपरवाइजर से भी दूरभाष पर मदद की गुहार लगायी. उन्होंने ठेकेदार से यथा संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद मृतक के परिजन व ग्रामीणों के सहयोग से शव को उठाया जा सका. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
लगभग चार बजे आवागमन सामान्य हुआ. सुंदरनगर थाना में मेघनाथ कर्मकार के बयान पर मामला दर्ज कराया गया है.
नौकरी की तलाश में निकला था सबुआ
मेघनाथ ने बताया कि दोनों साइकिल से तुरामडीह माइंस में नौकरी की तलाश में आये थे. एक बजे दोनों साइकिल से गांव लौट रहे थे. वह साइकिल चला रहा था. उसका मित्र सबुआ पीछे सीट पर बैठा था. कुदादा मोड़ से अंदर जाने वाले मार्ग पर उसके पैर से चप्पल खुलकर गिर गयी. वह चप्पल लेकर साइकिल के पीछे सीट पर बैठने का प्रयास कर रहा था. इस दौरान वह 407 की चपेट में आ गया. पीछे का चक्का उसके शरीर पर चढ़ गया था.
पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
इधर सबुआ मुमरू की मौत से उसकी पत्नी लखी मुमरू का रो- रोकर बुरा हाल था. वह कह रही थी कि उनका अब कोई सहारा नहीं है, वह कैसे जीवन यापन करेगी.
बीपीएल राशन कार्ड है
मृतक के भाई राजेन मुमरू (17) ने बताया कि उनके बड़े भाई सबुआ मुमरू के नाम से बीपीएल राशन कार्ड है. यह कार्ड वर्ष 2009 में बना था. उसके पास खेती भी बहुत कम है. भाई का नाम बीपीएल से किसने हटाया. यह जानकारी नहीं है.

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