जमशेदपुर में चार माह में 2,677 की मौत, जानें क्या है इसकी वजह
अगस्त व सितंबर में 809 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. बिष्टुपुर पार्वती घाट में जून और जुलाई में 450 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. अगस्त और सितंबर माह में 660 शवों का अंतिम संस्कार हुआ
ब्रजेश सिंह, जमशेदपुर :
बारिश के मौसम में बीमारियों ने शहर को अपनी जद में ले रखा है. डेंगू, चिकनगुनिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों के कारण अस्पतालों में पैर रखने की जगह तक नहीं है. अस्पतालों में लगातार मौतें हो रही हैं. वजह कई हैं. किसी की हार्ट अटैक, तो किसी की अन्य बीमारियों से मौत हो रही है. वजह जो भी हैं, लेकिन पिछले चार माह में मौत के ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं. शहर में चार माह में 2,677 मौतें हुई हैं. ये आंकड़े पार्वती घाट और सुवर्णरेखा बर्निंग घाट के अलावा साकची कब्रिस्तान के हैं. मरने वालों में बच्चों की संख्या भी काफी अधिक है. सुवर्णरेखा बर्निंग घाट में जून व जुलाई में 680 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था.
अगस्त व सितंबर में 809 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. बिष्टुपुर पार्वती घाट में जून और जुलाई में 450 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. अगस्त और सितंबर माह में 660 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. साकची कब्रिस्तान में सितंबर माह के 24 तारीख तक 31 शव, अगस्त माह में 23 शव, जबकि जुलाई में 24 शवाें को दफनाया गया. अंतिम संस्कार के इन आंकड़ों में बच्चों की संख्या शामिल नहीं है, जिन्हें सीधे दफनाया गया है.
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क्या कहते हैं बर्निंग घाट और कब्रगाह के जिम्मेदार
हाल के दिनों में बर्निंग घाट में शवों की संख्या बढ़ी है. यह अप्रत्याशित है. बच्चों का आंकड़ा हमारे पास नहीं है.
-बीएस सुंदर, प्रभारी, सुवर्णरेखा बर्निंग घाट
बर्निंग घाट में पहले से अधिक शव आ रहे हैं यह ज्यादा है या कम, यह नहीं बता सकते हैं, लेकिन अभी संख्या बढ़ी है.
– कुमार अभिषेक, प्रभारी, पार्वती घाट
कब्रिस्तान में शव सामान्य तौर पर आते रहते हैं. सितंबर में संख्या बढ़ी है. यह असामान्य है या नहीं, कह नहीं सकते हैं, लेकिन संख्या जरूर बढ़ी है.
– जे हसन, कब्रिस्तान कमेटी, साकची
क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग
जिले के सिविल सर्जन ने कहा कि मौतों के कारण जब तक स्पष्ट नहीं होंगे तो यह नहीं कहा जा सकता है कि मौत किन कारणों से हुए है. आंकड़े जब देखेंगे, तब ही कुछ बताया जा सकता है.
शहरवासी प्रशासन का करें सहयोग
मंत्री ने मरीजों की डेंगू जांच कराने और मॉनिटरिंग करने को कहा. उन्होंने टीएमएच से समन्वय बनाकर डेंगू के गरीब मरीजों के इलाज का 50 प्रतिशत बिल माफ करवाने, मरीजों की बीमारी का रिकॉर्ड रखकर उसकी मॉनिटरिंग कराने का भी निर्देश दिया. इसके अलावा अस्पतालों में दवाओं का स्टॉक रखने और नगर निकायों से जुड़े इलाकों में लगातार सफाई, फाॅगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कराने को कहा. वहीं, जिला प्रशासन ने डेंगू की रोकथाम को लेकर उठाये जा रहे कदमों की जानकारी मंत्री को दी. मंत्री बन्ना गुप्ता ने शहरवासियों से अपील की कि डेंगू से बचाव को लेकर उठाये जा रहे उपायों में प्रशासन को सहयोग करें. घरों के आसपास पानी जमा नहीं होने दें.
शहर के सिर्फ तीन अस्पतालों में 878 लोगों की गयी जान
टीएमएच
टीएमएच में जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में 597 लोगों की मौत हुई है. अगस्त और सितंबर माह में यह संख्या 342 है.
एमजीएम
एमजीएम में जून में जहां एमजीएम में 60 मौतें हुई हैं, जुलाई में 71, अगस्त में 51, सितंबर माह में अब तक 56 लाेंगों की मौत हो चुकी है.
सदर अस्पताल
खासमहल के सदर अस्पताल में मई माह में 3, जून में 7, जुलाई में 11, अगस्त में 9 और सितंबर में 13 लोगों की मौत हो चुकी है.
एमजीएम व सदर अस्पताल में क्रिटिकल मरीज को या तो एमजीएम, टीएमएच या रिम्स रेफर कर दिया जाता है, जिस कारण यहां मौतों का आंकड़ा कम है.
डेंगू व चिकनगुनिया के फैलाव के बाद मौत के आंकड़े बढ़ने की बात कही जा रही है.