कचरा प्लांट बनाने से पीछे हटी एसपीएमएल

जमशेदपुर: जवाहरलाल नेहरू शहरी पुनरुत्थान योजना के तहत खैरबनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में प्लांट लगाने वाली कंपनी सुभाष प्रोजेक्ट एंड मार्केटिंग लिमिटेड (एसपीएमएल) ने अपना हाथ खींच लिया है. कंपनी की ओर से इस संबंध में जेएनएसी को पत्र सौंपा गया है, हालांकि कंपनी का ठेका अभी रद्द नहीं हुआ है. आठ अगस्त 2012 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2015 8:33 AM
जमशेदपुर: जवाहरलाल नेहरू शहरी पुनरुत्थान योजना के तहत खैरबनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में प्लांट लगाने वाली कंपनी सुभाष प्रोजेक्ट एंड मार्केटिंग लिमिटेड (एसपीएमएल) ने अपना हाथ खींच लिया है. कंपनी की ओर से इस संबंध में जेएनएसी को पत्र सौंपा गया है, हालांकि कंपनी का ठेका अभी रद्द नहीं हुआ है. आठ अगस्त 2012 को खैरबनी में प्लांट लगाने के लिए एसपीएमल को ठेका मिला था. वर्षो तक जमीन के पेंच से योजना फंसी रही.

बाद में योजना के लिए खैरबनी सहित शहर के अन्य स्थानों में ट्रांसफर स्टेशन खोलने के लिए जमीन मिली. खैरबनी में कंपनी निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का विरोध और बार- बार प्रोजेक्ट की दीवार तोड़े जाने से अप्रैल 2014 से काम बंद है. तो दूसरी तरफ जिला से पारित सीएनटी प्लान नगर विकास विभाग में फेरबदल के कारण फंस गया. जो विगत एक साल से ज्यादा समय से नगर विकास विभाग के पास लंबित है.

66 लाख में खरीदा गया था वाहन
खैरबनी में प्रस्तावित कचरा प्लांट के लिए 66 लाख रुपये का वाहन खरीदा गया था. इसमें 1 हाइवा, 1 जेसीबी मशीन और 4 छोटा हाथी वाहन है. ठेका कंपनी सुभाष प्रोजेक्ट एंड मार्केटिंग लिमिटेड कंपनी को जेएनएसी की ओर से लगभग 36 लाख रुपया आवंटित किया गया था. जबकि खैरबनी में प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए नगर विकास विभाग की ओर से जेएनएसी को 8 करोड़ 64 लाख रु पया आवंटित किया गया था.
जेएनएसी कार्यालय में नहीं है हाइवा, जेसीबी. खैरबनी में प्रस्तावित कचरा प्लांट के लिए खरीदी गयी हाइवा, जेसीबी मशीन ठेका कंपनी के कब्जे में है. पहले वाहनों को जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति कार्यालय में रखा जाता था. अब वाहन जेएनएसी कार्यालय में नहीं है. जो चरचा का विषय बना हुआ है.
कंपनी का एग्रीमेंट समाप्त नहीं हुआ है, हालांकि कंपनी द्वारा काम नहीं करने संबंधी पत्र दिया गया है. खैरबनी में काम के लिए ठेका कंपनी वाहनों को अपने पास रखी हुई है. अगर भविष्य में ठेका रद्द होता है, तो जेएनएसी वाहन को अपने कब्जे में लेगी. – दीपक सहाय, विशेष पदाधिकारी, जेएनएसी

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