पैरॉक्सनाइट घोटाला के आरोपी का बकाया घटाया
वरीय संवाददाता, जमशेदपुरपूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका के गम्हारकोचा में अवैध तरीके से संचालित हो रहे पैरॉक्सनाइट के खदान को रद्द करने के बाद अब इस माइंस के संचालक विष्णु चौधरी और उनकी कंपनी को राहत दिलाने की कोशिश हो रही है. अवैध खनन के मामले में दोषी पाये जाने के बाद सेल्स टैक्स के […]
वरीय संवाददाता, जमशेदपुरपूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका के गम्हारकोचा में अवैध तरीके से संचालित हो रहे पैरॉक्सनाइट के खदान को रद्द करने के बाद अब इस माइंस के संचालक विष्णु चौधरी और उनकी कंपनी को राहत दिलाने की कोशिश हो रही है. अवैध खनन के मामले में दोषी पाये जाने के बाद सेल्स टैक्स के 19 लाख के बकाये को अपील में महज तीन लाख रुपये कर दिया गया. हालांकि दूसरी ओर, खनन विभाग ने एक और कार्रवाई करते हुए अवैध तरीके से खनन करने और पैरॉक्सनाइट का घोटाला करने वाले विष्णु चौधरी और उनकी कंपनी पर 11 करोड़ 30 लाख 31 हजार 356 रुपये का सर्टिफिकेट केस दायर कर दिया है. हर विभाग की रिपोर्ट में खनन माफिया दोषीपैरॉक्सनाइट खनन पट्टा की जांच सभी विभागों ने की है. प्रदूषण विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि माइनिंग करने के लिए कंसेंट टू ऑपरेट भी नहीं दिया गया है और न ही एनओसी ही दिया गया है. फिर भी खदान संचालित हो रही थी. इसी तरह वन विभाग ने रिपोर्ट में बताया है कि खुली आंखों से ही यह पता किया जा सका है कि 11 एकड़ की बजाय वन भूमि समिति 25 से 30 एकड़ भूमि पर खनन का कार्य चलाया गया है. इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (आइबीएम) ने भी खनन पट्टा को समाप्त करने की बात कही थी. सेल्स टैक्स विभाग ने अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें करीब दस करोड़ रुपये का डिमांड तय करने की बात कही गयी थी और वसूली के लिए संपत्ति को भी अटैच करने को कहा गया था. इसको लेकर लीजधारी विष्णु चौधरी को मौका दिया गया था, लेकिन वे हाजिर नहीं हुए और लगातार उत्खनन का काम करते रहे. बाद में उनके खिलाफ इश्तेहार भी जारी कर दिया गया, जिसके बाद उनके लीज को रद्द कर दिया गया.