कैरियर टिप्स – डॉ उधम सिंह
डॉ उधम सिंह,मनोवैज्ञानिक व गेस्ट फैकल्टी न्यू हॉरीजन कॉलेज ऑफ एजुकेशन मनोविज्ञान में संभावनाएं अपार मनोविज्ञान का अगर मैट्रिक या इंटर के बाद कैरियर के रूप में चुनाव किया जाये तो इसमें अपार संभावनाएं हो सकती हैं. नर्सरी से कॉलेज तक की पढ़ायी में इस विषय का महत्व है. सो एजुकेशन साइकोलॉजी में भविष्य बन […]
डॉ उधम सिंह,मनोवैज्ञानिक व गेस्ट फैकल्टी न्यू हॉरीजन कॉलेज ऑफ एजुकेशन मनोविज्ञान में संभावनाएं अपार मनोविज्ञान का अगर मैट्रिक या इंटर के बाद कैरियर के रूप में चुनाव किया जाये तो इसमें अपार संभावनाएं हो सकती हैं. नर्सरी से कॉलेज तक की पढ़ायी में इस विषय का महत्व है. सो एजुकेशन साइकोलॉजी में भविष्य बन सकता है. आज कल स्कूलों में काउंसलर की भी बहुत मांग है. मानोविज्ञान में ग्रेजुएशन करने के बाद साइकोलॉजिकल काउंसेलिंग में भी संभावना बन सकती है. इसके महत्व को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि बीएड और एमएड में भी मनोविज्ञान एक विषय के रूप में रखा गया है. इसमें मास्टर करने के बाद नेट की परीक्षा में बैठ सकते हैं. नेट क्वालिफाइ करने के बाद किसी कॉलेज में व्याख्याता के रूप में नियुक्ति मिल सकती है. इसमें ग्रेजुएशन के बाद आरसीआइ से लाइसेंस लेकर रीहैबीटेशन साइकोलॉजिस्ट के रूप में स्वतंत्र प्रैक्टिस का भी ऑप्शन खुला है. इसके जरिये विज्ञापन के क्षेत्र में भी कैरियर बनाया जा सकता है. व्यावसायिक संगठनों में भी ट्रेनिंग और कर्मचारी चयन के लिए मनोवैज्ञानिकों को रखा जाता है. इसके अलावा आप किसी अस्पताल में क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक बन सकते हैं. क्रिमिनल साइकोलॉजी, फोरेन्सिक साइकोलॉजी की पढ़ायी करने पर सीबीआइ, फॉरेंसिक और आर्मी में भी रोजगार के अवसर मिल सकते हैं. इसके महत्व को समझते हुए इसे बीबीए और एमबीए के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है.