किलहरे, धीरे धीरे, आसछे टुसु देखोलो….
टुसुमनि मां आमार भालो, जेमन पूर्णिमा चांद भालो, किलहरे, धीरे-धीरे आसछे टुसु देखोलो, बाजे नुपुर, झुमुर झुमुर टुसु मायरे, पायेलो, सोनार थाले, गंगाजले, धोआवो चरण धुलो, पाये दिबो रांगाजोबा, मुखे दिबो पिठालो, टुसू मां के लिए माथे, ताले ताले नाचालो. प्रतियोगिता के विजेताटुसू प्रतिमा में प्रथम पुरस्कार राजनगर के शहरी महतो को पंद्रह हजार रुपये, […]
टुसुमनि मां आमार भालो, जेमन पूर्णिमा चांद भालो, किलहरे, धीरे-धीरे आसछे टुसु देखोलो, बाजे नुपुर, झुमुर झुमुर टुसु मायरे, पायेलो, सोनार थाले, गंगाजले, धोआवो चरण धुलो, पाये दिबो रांगाजोबा, मुखे दिबो पिठालो, टुसू मां के लिए माथे, ताले ताले नाचालो. प्रतियोगिता के विजेताटुसू प्रतिमा में प्रथम पुरस्कार राजनगर के शहरी महतो को पंद्रह हजार रुपये, दूसरा पुरस्कार आसनबनी के मोची राम को दस हजार रुपये, तीसरा पुरस्कार बांधडीह के सुकदेव महतो को पांच हजार रुपये और चौथा पुरस्कार आसनबनी बनगोड़ा के सुबोध महतो को तीन हजार रुपये और चौड़ल का पुरस्कार आदित्यपुर राम मड़ैया बस्ती के शंभूनाथ लोहार को दो हजार रुपये प्रदान किया गया.