नतुन चाले भोरे उठलो पीठा-पुलीर स्वाद (फोटो दूबेजी 2, 3)

जमशेदपुर. बंगाली समाज में पौष संक्रांति की शुरुआत पीठा व मीठे पकवानों के साथ हुई. बंगाली समाज में मकर संक्रांति को पौष संक्रांति कहा जाता है. संक्रांति के दिन नयी फसल से घरों में मीठा व नमकीन पकवान बनाने व खाने की परंपरा है. बंगाली समाज के लोगों ने सुबह स्नान एवं पूजा पाठ कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2015 11:02 AM

जमशेदपुर. बंगाली समाज में पौष संक्रांति की शुरुआत पीठा व मीठे पकवानों के साथ हुई. बंगाली समाज में मकर संक्रांति को पौष संक्रांति कहा जाता है. संक्रांति के दिन नयी फसल से घरों में मीठा व नमकीन पकवान बनाने व खाने की परंपरा है. बंगाली समाज के लोगों ने सुबह स्नान एवं पूजा पाठ कर दिन की शुरुआत की. सभी ने उठाया पीठा का आनंद : प्रणति कविराज टेल्को निवासी एस. कविराज की पत्नी प्रणति कविराज ने बांग्ला समाज का पारंपरिक पीठा, पाटसापटा बना कर पौष संक्रांति का शुभारंभ किया. श्रीमती कविराज ने बताया कि सबसे पहले घर की सफाई की. स्नान और पूजा पाठ के बाद पौष संक्रांति का पीठा बनाया. इस दिन परिवार के लोग पीठा ही खाते हैं. नये गुड़, नये चावल से बना पीठा रखता है स्वस्थ : रूमा मुखर्जीमकर संक्रांति में नया चावल और नये गुड़ का पीठा बनता है. वैज्ञानिक आधार पर नया चावल और गुड़ शरीर को स्वस्थ रखता है. वहीं चावल और गुड़ शरीर को गरमाहट प्रदान करता है. संक्रांति में कई तरह के पीठा बनाया. परिवार के साथ-साथ सगे संबंधियों के घर भिजवाया.

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