सूरज डूबते ही एत्तेकाफ के लिए मसजिद में पहुंचेंगे रोजेदार

जमशेदपुर: पैगंबर मोहम्मद (स) ने फरमाया है कि रमजान के जब 20 रोजे समाप्त हो जाये तो 21वीं शब को एत्तेकाफ करे. ऐसे में सोमवार की शाम काफी संख्या में रोजेदार अफ्तारी और तरावीह के बाद मसजिदों में एत्तेकाफ के लिए पहुंच जायेंगे. रमजान के महीने में अन्य प्रार्थनाओं के आलवा इस माह के तीसरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2013 8:52 AM

जमशेदपुर: पैगंबर मोहम्मद (स) ने फरमाया है कि रमजान के जब 20 रोजे समाप्त हो जाये तो 21वीं शब को एत्तेकाफ करे. ऐसे में सोमवार की शाम काफी संख्या में रोजेदार अफ्तारी और तरावीह के बाद मसजिदों में एत्तेकाफ के लिए पहुंच जायेंगे. रमजान के महीने में अन्य प्रार्थनाओं के आलवा इस माह के तीसरे सप्ताह में एक इबादत करने का आदेश है, जिसे एत्तेकाफ के नाम से जाना जाता है.

एत्तेकाफ अरबी शब्द है, जिसका मतलब गोशानशीन हो जाना, अर्थात एक जगह कोने में अपने को रखना और समाज एवं अन्य कार्यो से पृथक हो जाना. पैगंबर मोहम्मद (स.) ने फरमाया है कि रमजान के जब 20 रोजे समाप्त हो जाये तो 21वीं शब को एत्तेकाफ किया जाये.

एत्तेकाफ वैसी मसजिदों में किया जाना जरुरी है, जहां पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है. एत्तेकाफ के दौरान मसजिदों के बाहर निकलने पर सख्त मनाही है. इस दौरान रात दिन अल्लाह की इबादत में लगे रहे, कुरआन ए पाक की तिलावत करें, नवफिल नमाज पढ़े और जिक्र ए पाक में अपना अधिक समय व्यतीत करें.

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