गण के तंत्र – शर्मिष्ठा दत्ता
शर्मिष्ठा दत्ता, स्टूडेंट, करीम सिटी कॉलेजदेश को मजबूत करूंगा गणतंत्र दिवस हमारे लिए काफी खुशी का दिन होता है. मैंने इस गणतंत्र दिवस पर देशहित के लिए काम करने की सोची है. आज भी हमारे देश में कई बच्चे ऐसे हैं जो चाइल्ड ट्रैफिकिंग के शिकार हैं. जिन्हें पढ़ने-लिखने और खेलने की उम्र में मजदूरी […]
शर्मिष्ठा दत्ता, स्टूडेंट, करीम सिटी कॉलेजदेश को मजबूत करूंगा गणतंत्र दिवस हमारे लिए काफी खुशी का दिन होता है. मैंने इस गणतंत्र दिवस पर देशहित के लिए काम करने की सोची है. आज भी हमारे देश में कई बच्चे ऐसे हैं जो चाइल्ड ट्रैफिकिंग के शिकार हैं. जिन्हें पढ़ने-लिखने और खेलने की उम्र में मजदूरी करना पड़ रहा है. सिर्फ यही नहीं बल्कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग का शिकार होकर बच्चों को वो सब कुछ करना पड़ रहा है जो उन्हें कतई मंजूर नहीं. ऐसे में मैं उन बच्चों की जरूरतों को पूरा करने व उनको इस दलदल से निकालने की कोशिश करूंगी. ताकि वो भी पढ़-लिखकर देश की तरक्की में हाथ बंटा सकें. बच्चों से ही देश का भविष्य है, यदि वे ही चाइल्ड ट्रैफिकिंग का शिकार हो जायेंगे तो भला देश कैसे प्रगति कर सकेगा.