बंगाली घरों में हुई शीतल षष्टी पूजा

जमशेदपुर. रविवार को षष्ठी के शुभ मुहूर्त में बंगाली घरों की महिलाओं ने शीतल षष्ठी पूजा कर शीतल आहार ग्रहण किया. पूजा की तैयारी बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है. शीतल षष्ठी भगवान के रूप में शील लोढ़ा की पूजा की जाती है. यह पूजा मां अपनी संतान के कुशल मंगल के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2015 8:03 PM

जमशेदपुर. रविवार को षष्ठी के शुभ मुहूर्त में बंगाली घरों की महिलाओं ने शीतल षष्ठी पूजा कर शीतल आहार ग्रहण किया. पूजा की तैयारी बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है. शीतल षष्ठी भगवान के रूप में शील लोढ़ा की पूजा की जाती है. यह पूजा मां अपनी संतान के कुशल मंगल के लिए करती है. प्रसाद के रूप में ग्रहण किया गोटा सिद्दो सरस्वती पूजा के दिन संध्या काल में घरों में गोटा सिद्दो (बिना कटे गोटा सब्जी से बनी दाल) विशेष रूप से बनाया गया. गोटा सिद्दो में छह तरह की सब्जी, मूंग दाल, उड़द दाल, चना, मटर आदि को एक ही बार में पानी डाल कर पकाया गया. इसके साथ ही दूसरे दिन का भोजन भी उसी दिन बनाया गया. पूजन के समय दही में हल्दी, सफेद धागा व मूढ़ी डाल कर शील लोढ़ा में आकृति बनायी. गोटा सिद्दो व अन्य पकवानों से शील लोढ़ा के नजदीक रख कर पूजा की. दूसरे दिन भी ऐसे ही पूजा की गयी. पूजा के बाद दही व हल्दी में रखे धागे को मां अपने संतान की कलाई में बांधी. शीतल षष्ठी में चढ़ाये गये प्रसाद को गाय व छोटे बच्चे को खिलाया गया. परिवार के लोग साथ मिल कर शीतल (बासी ) खानपान का आनंद लिया.

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