चाईबासा में ले सकते हैं
महिला कैदियों का केस लड़ेंगी महिला अधिवक्ताफ्लैग- डीएलएसए ने महिला वकील उपलब्ध कराने का लिया निर्णय – महिला अधिवक्ता के समक्ष खुलकर अपनी बातें रख सकेंगी महिला कैदी – कई बार अपनी बातें नहीं रख पाने के कारण नहीं मिल पाता है बेल संवाददाता, जमशेदपुर महिला कैदियों को बेल दिलाने और उनकी परेशानियों को समझने […]
महिला कैदियों का केस लड़ेंगी महिला अधिवक्ताफ्लैग- डीएलएसए ने महिला वकील उपलब्ध कराने का लिया निर्णय – महिला अधिवक्ता के समक्ष खुलकर अपनी बातें रख सकेंगी महिला कैदी – कई बार अपनी बातें नहीं रख पाने के कारण नहीं मिल पाता है बेल संवाददाता, जमशेदपुर महिला कैदियों को बेल दिलाने और उनकी परेशानियों को समझने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) महिला अधिवक्ता मुहैया करायेगा. इसे घाघीडीह जेल में अविलंब लागू किया जायेगा. इसकी जानकारी डीएलएसए के सचिव राजेश कुमार ने दी. राजेश कुमार ने बताया कि डीएलएसए के चेयरमैन सह जिला जज अनंत विजय सिंह ने महिला बंदियों को महिला अधिवक्ता मुहैया कराने के निर्देश दिये थे. इसके लिए डीएलएसए ने कई महिला अधिवक्ताओं से बात की है. इसे फरवरी से शुरू करने की पूरी कोशिश की जा रही है. कैदियों की दशा और मामलों का अध्ययन जरूरी डीएलएसए सचिव राजेश कुमार ने बताया कि महिला कैदियों की दशा और उनके मामलों की जानकारी के लिए महिला अधिवक्ता को जेल में भेजने का निर्णय लिया गया है. कई बार ऐसा होता है कि महिला कैदी अपनी बात और परेशानियों को खुल कर नहीं बता पातीं हैं. इससे कई बार संभव बेल नहीं हो पाता है. महिला कैदियों की संख्या कम करने का उद्देश्यमहिला कैदियों की संख्या कम करने के संबंध में अधिवक्ता दिशा निर्देश देंगी. सचिव राजेश कुमार ने बताया कि घाघीडीह जेल में महिला कैदियों की निर्धारित संख्या 50 है, जबकि महिला बंदी की संख्या 76 है.