मूल रैयतों को मिले मालिकाना हक (दशमत के मुताबिक ऋषि की तसवीर हो सकती है)

-झारखंड मूलवासी अधिकार मंच ने डीसी के माध्यम से राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा (फ्लैग)संवाददाता,जमशेदपुर झारखंड मूलवासी अधिकार मंच का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य संयोजक हरमोहन महतो के नेतृत्व में शनिवार को उपायुक्त से मिला तथा राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा. प्रतिनिधिमंडल में उत्तम महतो, प्र ाद प्रधान, सारथी दास, तपन महतो, मदन कर्मकार, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2015 9:03 PM

-झारखंड मूलवासी अधिकार मंच ने डीसी के माध्यम से राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा (फ्लैग)संवाददाता,जमशेदपुर झारखंड मूलवासी अधिकार मंच का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य संयोजक हरमोहन महतो के नेतृत्व में शनिवार को उपायुक्त से मिला तथा राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा. प्रतिनिधिमंडल में उत्तम महतो, प्र ाद प्रधान, सारथी दास, तपन महतो, मदन कर्मकार, शत्रुघ्न प्रजापति, गोपाल मांझी, दुलाल मंडल, विष्णु दास, देवाशीष नायक, सपन महतो, मिंटू महतो आदि शामिल थे. मंच की प्रमुख मांगें -कंपनी के विस्थापितों को विस्थापित प्रमाण पत्र दिया जाये. शिड्यूल 4 एवं 5 की जमीन अलिवलंब वापस की जाये -जहां रैयतों की जमीन पर कंपनी क्वार्टर, अस्पताल, बाजार, मैदान एवं बस स्टैंड आदि हैं. उस जमीन के मूल्य का भुगतान करने का आदेश दिया जाये-86 बस्तियों की जमीन मूल रैयतों की है, इसलिए 1932, 1937 व 1908 के खतियान में जिनका नाम है, उनको ही मालिकाना हक दिया जाये- कंपनी जिस अविधि से जमीन का उपयोग कर रही है, तभी से कंपनी के शेयर होल्डर का कैपिटल इंवेस्टमेंट माना जाये तथा जमीन मालिक तथा उनके वंशजों को कंपनी के मुनाफा का लाभ दिया जाये

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