उन्होंने बताया कि पुलिस अन्य अपराधी की गिरफ्तारी के लिए दोनों की निशानदेही पर छापामारी कर रही है. साकची में बाइक खोल रहे थे दोनों : सिटी एसपी ने बताया कि दोनों युवक साकची के चौधरी बिल्डिंग के पास खड़ी बाइक चाबी से खोलने का प्रयास कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया. दोनों ने पुलिस को बताया कि बाइक चोरी करने के बाद उसे पुरुलिया के विभिन्न थाना क्षेत्र में बेच देते थे. मानपुर थाना से चोरी की बाइक जब्त की गयी. चोरी की बाइक की जानकारी मिलने पर बाइक खरीदने वाले लोगों ने बाइक जमशेदपुर पुलिस के हवाले कर दिया.
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चोरी गयी 9 बाइक बरामद, दो गिरफ्तार
जमशेदपुर: शहर से चोरी गयी नौ बाइक के साथ जमशेदपुर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जब्त की गयी कई बाइक के नंबर बदल दिये गये हैं, तो कई बाइक से नंबर प्लेट गायब हैं. गिरफ्तार आरोपियों में पुरुलिया जिले के मानपुर निवासी शरीफ अंसारी और बाबू अंसारी शामिल है. इनकी निशानदेही पर […]
जमशेदपुर: शहर से चोरी गयी नौ बाइक के साथ जमशेदपुर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जब्त की गयी कई बाइक के नंबर बदल दिये गये हैं, तो कई बाइक से नंबर प्लेट गायब हैं. गिरफ्तार आरोपियों में पुरुलिया जिले के मानपुर निवासी शरीफ अंसारी और बाबू अंसारी शामिल है. इनकी निशानदेही पर पुलिस ने चोरी की गाड़ी खरीदने वाले लोगों को भी पकड़ा है. सभी चोरी गयी बाइक बंगाल के पुरुलिया जिलांतर्गत विभिन्न थाना क्षेत्र में बेची गयी थी. इसकी जानकारी शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान सिटी एसपी कार्तिक एस ने दी.
मास्टर की से खोल लेते हैं सभी बाइक
युवकों ने पुलिस को बताया कि उनके पास मास्टर की है. इस चाबी से किसी भी बाइक को आसानी से खोल कर स्टॉर्ट कर लेते हैं. इस कारण चोरी करने में दिक्कत नहीं होती थी. इसके बाद गाड़ी आसानी से शहर से बाहर लेकर चले जाते थे.
आजादनगर के अफसर व अफजल गिरोह के सक्रिय सदस्य. शरीफ अंसारी ने पुलिस को बताया कि आजादनगर निवासी अफसर और अफजल भी गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं. शुरू में दोनों जमशेदपुर से बाइक चोरी कर बेचने के लिए देते थे. उसके बाद गाड़ी का नंबर बदल कर या हटा कर पटमदा के रास्ते पुरुलिया लेकर चले जाते थे. बंगाल में अपने परिचित लोगों में गाड़ी कम दाम पर बेच देते थे. काफी दिनों तक ऐसा चलने के बाद उन्होंने शहर में आकर खुद बाइक चोरी शुरू कर दी. आजादनगर के दोनों सदस्य को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
पेपर के बदले छोड़ देते थे तीन हजार रुपये. गिरफ्तार युवकों ने पुलिस को बताया कि वे चोरी की बाइक स्थिति के हिसाब से दस से पंद्रह हजार रुपये में बेचते थे. बंगाल का नंबर लगा कर खरीददार गाड़ियों का उपयोग करते थे. कुछ गाड़ियों के जाली कागजात बना कर बेच देते थे. जब ग्राहक गाड़ी का पेपर मांगते थे, तो उसे करीब तीन हजार रुपया छोड़ देते थे. ग्राहक को बताते थे कि जब पेपर देंगे तो तीन हजार वापस लेकर चले जायेंगे.
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