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कॉलेजों में बीएड बचाने की कवायद

चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में बीएड को बचाने की कवायद तेज हो गयी है. वर्ष 2014 के अंतिम महीनों के दौरान नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) की इस्टर्न रीजन काउंसिल (इआरसी) द्वारा यहां के पांच कॉलेजों में सत्र 2015 से बीएड की मान्यता वापस लेने की घोषणा की है. सभी कॉलेज बीएड […]

चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में बीएड को बचाने की कवायद तेज हो गयी है. वर्ष 2014 के अंतिम महीनों के दौरान नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) की इस्टर्न रीजन काउंसिल (इआरसी) द्वारा यहां के पांच कॉलेजों में सत्र 2015 से बीएड की मान्यता वापस लेने की घोषणा की है.

सभी कॉलेज बीएड पाठय़क्रम व इसकी मान्यता बचाने के लिए इआरसी के निर्णय के विरुद्ध एनसीटीइ मुख्यालय में ऑनलाइन आवेदन करेंगे. वहीं विश्वविद्यालय कॉलेजों से संबंधित कंप्लायंस एनसीइआरटी को सौंपेगा. मंगलवार को कुलपति डॉ आरपीपी सिंह के मार्गदर्शन व प्रतिकुलपति की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में उक्त निर्णय लिया गया. साथ ही बैठक में उपस्थित अंगीभूत बीएड कॉलेजों के प्राचार्यो को संबंधित निर्देश दिया गया.

बीएड, पीएचडी समेत सभी नौ कोर्स. विवि के कुलपति डॉ आरपीपी सिंह समेत सभी अधिकारियों ने अंगीभूत कॉलेजों में बीएड की मान्यता बचाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिये हैं. एचआरडी के निर्देश पर कोल्हान विश्वविद्यालय राज्य भर के लिए बीएड का मसौदा कानून (रेग्युलेशन) तैयार कर रहा है. वहीं इसे लेकर विश्वविद्यालय में प्रतिकुलपति डॉ शुक्ला महंती की अध्यक्षता में रेग्युलेशन कमेटी की भी बैठक हुई. कुलपति के निर्देश को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के गठन पर विचार किया गया. साथ ही कोल्हान विश्वविद्यालय व कॉलेजों में दो वर्षीय बीएड, तीन वर्षीय कंपोजिट बीएड, एमएड, एमए इन एजुकेशन, एम फिल, पीएचडी समेत विश्वविद्यालयों में चलाये जानेवाले सभी 09 कोर्स संचालित करने पर सहमति बनी. सारे निर्णयों से संबंधित प्रस्ताव स्वीकृति के आगामी दिनों में एचआरडी को सौंपा जायेगा. बैठक में डीएसडब्ल्यू डॉ पद्मजा सेन, सीवीसी प्रो एके उपाध्याय, परीक्षा नियंत्रक डॉ गंगा प्रसाद सिंह व डॉ शहाली जबीन शामिल हुईं.

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