राजमिस्त्री का काम करने के बाद चोरी करते थे बाइक

संवाददाता,जमशेदपुर साकची से बाइक चोरी करते रंगे हाथ गिरफ्तार शरीफ अंसारी और बाबू जान अंसारी राज मिस्त्री का काम करने के बाद ही बाइक चोरी कर उसे बेचने का काम करते थे. स्वीकारोक्ति बयान में शरीफ ने बताया कि प्रारंभ में वह होटल में बर्तन धोते थे. इसके बाद गांव जाकर राजमिस्त्री का काम सीखा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2015 11:02 AM

संवाददाता,जमशेदपुर साकची से बाइक चोरी करते रंगे हाथ गिरफ्तार शरीफ अंसारी और बाबू जान अंसारी राज मिस्त्री का काम करने के बाद ही बाइक चोरी कर उसे बेचने का काम करते थे. स्वीकारोक्ति बयान में शरीफ ने बताया कि प्रारंभ में वह होटल में बर्तन धोते थे. इसके बाद गांव जाकर राजमिस्त्री का काम सीखा. इस दौरान वह बामनडीहा गया था, जहां उनकी मुलाकात असगर से हुई. जो चोरी की बाइक के साथ पान दुकान पर खड़ा था.असगर ने बताया कि गाड़ी ब्रिकी का है. दाम भी कम है. उसके बाद शरीफ ने बाइक को 10 हजार रुपये में बिक्री करवा दिया. इस दौरान दोनों के बीच दोस्ती हो गयी. असगर गाड़ी चोरी करने के बाद पुरुलिया में हम लोगों को देता था. इस दौरान असगर और अफजल इधर-उधर भी चोरी की गाड़ी को बेचता था. कुछ दिनों होने के बाद असगर और अफजल ने गाड़ी देना बंद कर दिया. जिससे पैसे की कमी होने लगी. इस दौरान बाबू जान और शरीफ ने स्वयं गाड़ी चोरी कर बेचने की योजना बनायी. उसके बाद दोनों ने मिल कर एक माह पूर्व शुभंकारी होटल के पास से लाल रंग की बाइक की चोरी की. जिसे उन लोगों ने 12 हजार रुपये में बंधक के तौर पर रखा था. वहीं बाबूजान अंसारी ने बताया कि शरीफ राज मिस्त्री का काम कराने के लिए फोन कर बुलाया था. लेकिन जमशेदपुर आने के बाद हमलोग बाइक चोरी की निगरानी करने लगे. गाड़ी चोरी करने के बाद डिमना,पटमदा के रास्ते पश्चिम बंगाल लेकर चले जाते थे.

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