कैरियर टिप्स : आर एन ओझा
मनोविज्ञान में अपार संभावनाएंमनोविज्ञान वृहद विषय है. यह पर्सनैलिटी डेवलपमेंट करता है. मनोविज्ञान में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी किया जा सकता है. इसमें कैरियर की अपार संभावनाएं हैं. इसकी पढ़ायी करने के बाद आप किसी भी अस्पताल में मनोवैज्ञानिक के रूप में ज्वाइन कर सकते हैं. साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर सकते हैं. एग्जाम के […]
मनोविज्ञान में अपार संभावनाएंमनोविज्ञान वृहद विषय है. यह पर्सनैलिटी डेवलपमेंट करता है. मनोविज्ञान में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी किया जा सकता है. इसमें कैरियर की अपार संभावनाएं हैं. इसकी पढ़ायी करने के बाद आप किसी भी अस्पताल में मनोवैज्ञानिक के रूप में ज्वाइन कर सकते हैं. साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर सकते हैं. एग्जाम के समय बच्चों पर साइकोलॉजिकल प्रेशर ज्यादा रहता है. ऐसे समय में मनोवैज्ञानिकों की जरूरत होती है. मनोवैज्ञानिक काउंसलर की जॉब भी कर सकता है. आज कल तो स्कूल और कई दफ्तरों में मनोवैज्ञानिकों को अप्वाइंट किया जाता है. स्कूल और कॉलेज में मनोविज्ञान की पढ़ायी होती है. सो इसके टीचर और लेक्चरर की काफी डिमांड है. यहां तक कि आर्मी में भी मनोवैज्ञानिकों को हायर किया जाता है. जैसे-जैसे लाइफ स्टाइल फास्ट और हेक्टिक होती जा रही है, वैसे-वैसे मनौवैज्ञानिकों की डिमांड भी बढ़ रही है. – आर एन ओझाप्रोफेसर, मनोविज्ञान, कोऑपेरटिव कॉलेज