झारखंड आंदोलनकारियों के आवेदन 25 तक जांच कर भेजें
जमशेदपुर: झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिन्हितकरण आयोग के सचिव राबर्ट मिंज एवं अवर सचिव श्रीनाथ श्रीवास्तव शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने नोडल ऑफिसर एडीसी सुनील कुमार के साथ बैठक कर आंदोलनकारियों के आवेदनों की जांच प्रगति की समीक्षा की. समीक्षा में बताया गया कि जितने आवेदन आयोग से प्राप्त हुए थे, उसे सत्यापन हेतु अंचल में […]
जमशेदपुर: झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिन्हितकरण आयोग के सचिव राबर्ट मिंज एवं अवर सचिव श्रीनाथ श्रीवास्तव शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंचे.
उन्होंने नोडल ऑफिसर एडीसी सुनील कुमार के साथ बैठक कर आंदोलनकारियों के आवेदनों की जांच प्रगति की समीक्षा की. समीक्षा में बताया गया कि जितने आवेदन आयोग से प्राप्त हुए थे, उसे सत्यापन हेतु अंचल में भेजा जा चुका है. ग्राम सभा भी की जा चुकी है.
2191 आवेदन का हुआ सत्यापन
जिले को आयोग से 2509 आवेदन सत्यापन हेतु प्राप्त हुए थे. इनमें से 2191 आवेदन का सत्यापन अंचल स्तर पर हो चुका है. अंचलाधिकारियों द्वारा अनुशंसा कर भेजा जा रहा है. अब तक जमशेदपुर अंचल से 125 आवेदन सत्यापन कर आ चुके हैं. समीक्षा में यह बात सामने आयी कि अंचलाधिकारियों ने सत्यापन कर जिन आवेदनों को लौटाया है, उनमें से कई पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं. वैसे आवेदनों को लौटाया जा रहा है. अधूरा होने के कारण पोटका के सौ आवेदनों के अनुशंसा को वापस भेज दिया गया.
25 तक भेजने का आदेश
सचिव ने 25 फरवरी तक सभी आवेदनों को सत्यापन कर अनुशंसा रिपोर्ट आयोग को भेजने का निर्देश दिया. आवेदन जमा करने की तय तिथि जनवरी 2013 के बाद आयोग के पास 10000 आवेदन आये, जिस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. मई में आयोग का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
आंदोलनकारियों ने किया स्वागत
सचिव राबर्ट मिंज एवं अवर सचिव श्रीनाथ श्रीवास्तव का झारखंड आंदोलनकारी देवाशीष नायक, हरमोहन महतो, अजीत तिर्की, दशरथ मुंडा, छोटू लोहार ने गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया. आंदोलनकारियों ने सचिव के समक्ष मांग रखी कि बजट सत्र के पहले आयोग सभी आवेदन का सत्यापन कर फाइनल रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दे, ताकि उस पर निर्णय हो सके. साथ ही आंदोलनकारी विधायकों द्वारा विधान सभा में मामला उठाने की बात कही.