सत्संग मनुष्य को मुक्ति की ओर ले जाता है : स्वामी भूमानंद

सीआइआरडी में ज्ञान यज्ञ जारीजमशेदपुर. पूर्वजों के सद्गुणों एवं पुण्यों के फल के रूप में सत्संग मिलता है. सत्संग से विवेक जाग्रत होता है, जो मनुष्य को मुक्ति की ओर ले जाता है. मुक्ति से वासना का क्षय होता है तथा शंकाएं बिल्कुल मिट जाती हैं. उक्त बातें स्वामी भूमानंद तीर्थ ने शनिवार को सीआइआरडी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 1:02 AM

सीआइआरडी में ज्ञान यज्ञ जारीजमशेदपुर. पूर्वजों के सद्गुणों एवं पुण्यों के फल के रूप में सत्संग मिलता है. सत्संग से विवेक जाग्रत होता है, जो मनुष्य को मुक्ति की ओर ले जाता है. मुक्ति से वासना का क्षय होता है तथा शंकाएं बिल्कुल मिट जाती हैं. उक्त बातें स्वामी भूमानंद तीर्थ ने शनिवार को सीआइआरडी में प्रवचन के अंतिम दिन श्रोताओं से कहीं. उन्होंने कहा कि सारा विश्व परिधि है और विश्व का केंद्र मनुष्य के हृदय में है. विश्व एक दृश्य एवं मनुष्य उसका द्रष्टा है. द्रष्टा से ही दृश्य का अस्तित्व है. निद्रावस्था में विश्व के साथ-साथ मन-बुद्धि भी लुप्त हो जाती है, किन्तु द्रष्टा रहता है, जो ही निद्रा के बाद सूचित करता है कि हम सोये हुए थे. श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में कहा कि उसके लेखक ब्यास देव ने अपना अनुभव ही लिखा है. उसमें वर्णित तथ्यों का उन्होंने अनुभव जरूर किया होगा.विष्णु सहस्रनाम यज्ञ आज सीआईआरडी में कल विष्णु सहस्रनाम यज्ञ का आयोजन होगा. यज्ञ प्रात: 9:00 बजे से आरंभ होकर दिवा 1:00 बजे तक चलेगा.

Next Article

Exit mobile version