रांडल माता की पूजा में शामिल होंगी 1300 कन्याएं (फोटो नाम से)
लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर चौबीस फरवरी यानी मंगलवार को गुजराती सनातन समाज में श्री श्री रांडल माता की पूजा धूमधाम से की जायेगी. सुबह नौ बजे से पूजा शुरू होगी. सत्यनारायण भगवान का पाठ भी किया जायेगा. इसमें 108 यजमान शामिल होंगे. 1300 नवविवाहिता, कुंवारी कन्याओं से लेकर गर्भवती महिलाएं भी इसमें शिरकत करेंगी. बाद […]
लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर चौबीस फरवरी यानी मंगलवार को गुजराती सनातन समाज में श्री श्री रांडल माता की पूजा धूमधाम से की जायेगी. सुबह नौ बजे से पूजा शुरू होगी. सत्यनारायण भगवान का पाठ भी किया जायेगा. इसमें 108 यजमान शामिल होंगे. 1300 नवविवाहिता, कुंवारी कन्याओं से लेकर गर्भवती महिलाएं भी इसमें शिरकत करेंगी. बाद में पूजा में शामिल होने वाली सभी महिलाओं का चरण धुलाया जायेगा. दूसरे चरण में पंडित जीगनेश रांडल माता की महिला का कथा पाठ किया जायेगा. यह कथा तीन बजे से शुरू होगी. मौके पर मां को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं रास गरबा करेंगी. रवि रांडल माता की कथा रवि रांडल माता भगवान विश्वकर्मा की बेटी एवं सूर्य की पत्नी है. जब रांडल माता यौवन में पांव रखती हैं तो उसकी सुंदरता से भगवान सूर्य मोहित हो जाते हैं. वे विश्वकर्मा के सामने शादी का प्रस्ताव रखते हैं. इसे विश्वकर्मा ठुकरा देते हैं. एक बार रांडल माता की मां भगवान सूर्य की मां से मिट्टी का प्लेट उधार लेकर आती है तो सूर्य की मां शर्त रखती है कि प्लेट के सही सलामत नहीं लौटने पर सूर्य की शादी रांडल से की जायेगा. कुछ समय के बाद रांडल माता घोड़े पर प्लेट लौटाने आती हैं. लेकिन भगवान सूर्य अपने चमत्कार से दो लड़ते बैल को घोड़े के सामने खड़ा कर देते हैं. इस तरह घोड़ा गाड़ी पलट जाती है और प्लेट टूट जाता है. इस तरह रांडल माता के साथ सूर्य की शादी हो जाती है.