युवा और किशोर भी करायें दिल की जांच

जमशेदपुर: आधुनिक जीवनशैली के प्रभाव से युवाओं को भी सीने में दर्द की शिकायत हो रही है. जिसे बदहजमी या तनाव से हुआ दर्द मान कर लोग नजरअंदाज करते हैं. जबकि इस गैसट्राइसिस से हॉर्ट अटैक तक की स्थिति हो सकती है. ऐसा होने पर गर्दन से उदर के ऊपरी हिस्से तक कहीं भी तेज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2013 8:17 AM

जमशेदपुर: आधुनिक जीवनशैली के प्रभाव से युवाओं को भी सीने में दर्द की शिकायत हो रही है. जिसे बदहजमी या तनाव से हुआ दर्द मान कर लोग नजरअंदाज करते हैं. जबकि इस गैसट्राइसिस से हॉर्ट अटैक तक की स्थिति हो सकती है. ऐसा होने पर गर्दन से उदर के ऊपरी हिस्से तक कहीं भी तेज जलन, दर्द, चोट पहुंचाने वाला दबाव या ऐंठन महसूस होता है. साल में न्यूनतम एक बार की जांच ऐसे किसी संभावित खतरे से बचाव का बेहतर तरीका है.

हार्ट अटैक में पहले 60 मिनट अहम
हार्ट अटैक के बाद 60 मिनट अहम होता है, जिसे चिकित्सा जगत गोल्डन ऑवर मानता है. इस अवधि में उचित चिकित्सा मिले तो मरीज को बचाना संभव है.

मरीजों को उन अस्पतालों में ले जाना चाहिए, जहां 24 घंटे इन हाउस, कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डिएक इंटेंसिव बेड, क्रिटिकल केयर बेड, कार्डिएक ऑपरेटिंग थियेटर, अत्याधुनिक कैथ लैब आदि की सुविधा हों. हॉर्ट अटैक की स्थिति में 15 मिनट या इससे अधिक दर्द होता है. कई बार इसके बिल्कुल शांत होने के कारण संकेत या लक्षण नजर नहीं आते. लोग इसे समझ नहीं पाते क्योंकि लोगों को इस बीमारी की विस्तृत जानकारी नहीं है.

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