संसद में उठा केबुल कंपनी का मामला, जांच करने पहुंची टीम

जमशेदपुर .केबुल कंपनी खोलने का मुद्दा देश के उच्च सदन (राज्यसभा) में उठाया गया. बिहार से सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने कंपनी खोलने की मांग की. उन्होंने कंपनी को अन्य प्रोमोटर को नहीं सौंपने सहित वर्तमान मलेशियाई कंपनी के प्रतिनिधियों को फंडिंग करने की मांग की. सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2015 8:06 AM
जमशेदपुर .केबुल कंपनी खोलने का मुद्दा देश के उच्च सदन (राज्यसभा) में उठाया गया. बिहार से सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने कंपनी खोलने की मांग की. उन्होंने कंपनी को अन्य प्रोमोटर को नहीं सौंपने सहित वर्तमान मलेशियाई कंपनी के प्रतिनिधियों को फंडिंग करने की मांग की. सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय श्रम विभाग से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की. इसके बाद श्रम विभाग की एक टीम जमशेदपुर पहुंची.

टीम ने केबुल कंपनी की स्थिति की जानकारी ली. वहीं टीम ने प्रबंधन कमेटी और यूनियन पदाधिकारियों से बातचीत की. बताया गया कि कंपनी के संचालन की जिम्मेवारी किसी की नहीं है. कंपनी बीमार घोषित है. बीआइएफआर में इसकी सुनवाई चल रही है. टीम को बीआइएफआर और आयफर की कार्रवाई सहित दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश की जानकारी दी गयी. टीम ने पाया कि मामला कोर्ट में लंबित है.

इस कारण इसपर किसी तरह का फैसला संभव नहीं है. मजदूर नेता राकेश्वर पांडेय, राम बिनोद सिंह समेत तमाम पक्षों से टीम ने राय ली. जानकारी लेने के बाद टीम लौट गयी. अब श्रम विभाग की टीम 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट संसद में रखेगी. राज्यसभा में मामला उठना साजिश : राम बिनोद. यूनियन नेता राम बिनोद सिंह ने बताया कि डॉ सीपी ठाकुर को यहां से कोई मतलब नहीं है. इसके बावजूद उन्होंने इस मुद्दे को क्यों उठाया. हम यहीं कह सकते हैं कि हमलोग इस मामले को लेकर कहीं नहीं गये हैं. जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो से इस मामले में मिले हैं. उन्होंने राज्यसभा में इस मामले को उठना साजिश बताया.

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