1994 से 2000 के बीच मरे लोगों का प्रमाण पत्र बनने में होगी दिक्कत

संवाददाता, जमशेदपुर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र कार्यालय से मृत्यु प्रमाण पत्र के दस्तावेज ( निबंधन से संबंधित फाइल ) गायब होने से 1994 से 2000 के बीच मृत लोगों का प्रमाण पत्र जेएनएसी से नहीं बन पायेगा. इतने पुराने रिकार्ड शहर के ज्यादातर अस्पताल या नर्सिंग होम नहीं रखते हैं. हालांकि जिनके परिजनों के पास मृत्यु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2015 11:04 PM

संवाददाता, जमशेदपुर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र कार्यालय से मृत्यु प्रमाण पत्र के दस्तावेज ( निबंधन से संबंधित फाइल ) गायब होने से 1994 से 2000 के बीच मृत लोगों का प्रमाण पत्र जेएनएसी से नहीं बन पायेगा. इतने पुराने रिकार्ड शहर के ज्यादातर अस्पताल या नर्सिंग होम नहीं रखते हैं. हालांकि जिनके परिजनों के पास मृत्यु से जुड़े अस्पताल या बर्निंग घाट के कागजात होंगे. वे दावे कर पायेंगे, लेकिन उस प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच करना जेएनएसी के लिए मुश्किल होगी. डीसी डॉ अमिताभ कौशल ने इसे गंभीर मामला बताया है. जल्द ही इस मामले में वे कानून संगत कार्रवाई करेंगे. कहां- कहां उपयोग होता है मृत्यु प्रमाण पत्र इंश्योरेंस, अनुकंपा में नौकरी के लिए चोरों ने केवल मृत्यु प्रमाण पत्र को क्यों निशाना बनाया जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र कार्यालय से चोरों ने केवल मृत्यु प्रमाण पत्र के दस्तावेज ( निबंधन से संबंधित फाइल ) चोरी क्यों की. इसे लेकर तरह- तरह के कयास लगने लगे हैं. कमरा नंबर 10 में जन्म प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्र भी रखे हुए थे. इसे चोरों ने हाथ तक नहीं लगाया. कार्यालय में लगा है सीसीटीवी जेएनएसी कार्यालय में सुरक्षा की दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरा लगाया है. घटना के दिन रात में कैमरा चल रहा था कि नहीं. यह जांच का विषय है. 8 दिन बाद दर्ज हुई प्राथमिकी साकची थाने में घटना के आठ दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी. 23 फरवरी को घटना की जानकारी मिलने के बाद कार्यालय प्रभारी एसके आर पटेल ने जेएनएसी कार्यालय में मृत्यु निबंधनकर्त्ता दिलीप कुमार बारीक की रिपोर्ट पर साकची थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था.

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