डिजिटल दुनिया की दौड़ में उतरा ट्राइबल समुदाय

स्टोरी की बेहतरी के लिए नेट से सिम्बोलिक फोटो ले लें संताली किताबें ऑनलाइन मंगा सकेंगे छात्र लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर डिजिटल दुनिया की दौड़ में ट्राइबल समुदाय भी शामिल हो गया है. स्नैपडिल, फिलिप कार्ट व जैबोंग डॉट कॉम की तर्ज पर ट्राइबलों ने ऑनलाइन मार्केटिंग के क्षेत्र में कदम रख दिया है. ऑल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 10:04 PM

स्टोरी की बेहतरी के लिए नेट से सिम्बोलिक फोटो ले लें संताली किताबें ऑनलाइन मंगा सकेंगे छात्र लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर डिजिटल दुनिया की दौड़ में ट्राइबल समुदाय भी शामिल हो गया है. स्नैपडिल, फिलिप कार्ट व जैबोंग डॉट कॉम की तर्ज पर ट्राइबलों ने ऑनलाइन मार्केटिंग के क्षेत्र में कदम रख दिया है. ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन (आइसवा) पूर्वी सिंहभूम इकाई ने ऑनलाइन पुस्तकों को बेचने की पहल की है. इसके लिए डब्ल्यूडब्लयूडब्ल्यू डॉट आइसवा डॉट इन वेबसाइट बनायी गयी है. जानकारी के मुताबिक 15 अप्रैल या चार मई को इसे लांच किया जायेगा. आइसवा ने उठाया बीड़ाकोल्हान हो या रांची यूनिवर्सिटी संताली भाषा-साहित्य के छात्रों को अध्ययन-अध्यापन के लिए पर्याप्त पुस्तकें नहीं मिल रही हैं. दुकान पर किताबें आउट ऑफ स्टॉक बतायी जाती हैं. ऐसे में आइसवा की पूर्वी सिंहभूम इकाई ने इस कमी को दूर करने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए ऑनलाइन मार्केटिंग को प्लेटफॉर्म बनाया है. ताकि छात्र कहीं से भी ऑनलाइन किताब मंगा सके. इंटरनेट बना माध्यमआइसवा पूर्वी सिंहभूम इकाई के जेनरल सेक्रेटरी रवींद्रनाथ मुर्मू ने बताया कि इंटरनेट सर्फिंग और सोशल नेटवर्किंग के अलावा अब ट्राइबलों में ऑनलाइन मार्केटिंग का क्र ेज भी तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में आइसवा ने ट्राइबल छात्रों व साहित्य प्रेमियों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए इंटरनेट को माध्यम बनाया है. अब छात्र व साहित्य प्रेमी वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे स्कूल-कॉलेज व अन्य साहित्यिक संताली किताबें मंगा सकेंगे. उन्होंने कहा कि वेबसाइट के प्रचार-प्रचार के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का भी सहारा लिया जा रहा है.

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