हार-जीत से परे होता है मेडिएशन

जमशेदपुर: मेडिएशन हार-जीत से परे होता है, इससे जिंदगी की नयी शुरुआत होती है. जिससे दोनों पक्ष लाभान्वित होते हैं. जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में मेडिएशन पर दिल्ली से आये विशेषज्ञों ने वकीलों और मेडिएशन सेंटर के कर्मचारियों से अपनी बातें साझा की. उन्हें मेडिएशन के तकनीकी टिप्स बताये और किन मामलों में मेडिएशन संभव है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2013 8:51 AM

जमशेदपुर: मेडिएशन हार-जीत से परे होता है, इससे जिंदगी की नयी शुरुआत होती है. जिससे दोनों पक्ष लाभान्वित होते हैं. जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में मेडिएशन पर दिल्ली से आये विशेषज्ञों ने वकीलों और मेडिएशन सेंटर के कर्मचारियों से अपनी बातें साझा की. उन्हें मेडिएशन के तकनीकी टिप्स बताये और किन मामलों में मेडिएशन संभव है उस पर विस्तृत जानकारी दी.

आयोजित कार्यक्रम में जिला जज अमिताभ कुमार, परिवार न्यायालय के प्रधान जज पंकज कुमार, दिल्ली से आये डॉ रेणु अग्रवाल, विनय गुप्ता, जमशेदपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस मित्र मंचासीन थे. जबकि कार्यक्रम में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव सह एसीजेएम एसएस प्रसाद, कोर्ट के रजिस्ट्रार केके श्रीवास्तव, लोक अभियोजक जय प्रकाश उपस्थित थे.

न्यायालय से कम होता है बोझ
वक्ताओं ने कहा कि मीडिएशन से न्यायालय पर बेवजह बोझ कम होता है. जिन मामलों में सुलह से न्याय संभव है उसका दबाव कम होने पर कोर्ट संगीन मामलों के फैसले पर ध्यान केंद्रित करती है जिसका लाभ स्तरीय फैसले के रूप में आता है. मेडिएशन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सफल प्रयोग रहा है. मौजूदा दौर में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ जाती है क्योंकि मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

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