जमशेदपुर: स्वर्णरेखा और खरकई नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं. इससे शहर के बागबेड़ा, आदित्यपुर, कदमा के शास्त्रीनगर, मानगो क्षेत्र के डेढ़ हजार से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिला प्रशासन ने बुधवार रात लोगों को अपने घर खाली कर नजदीक में बनाये गये राहत शिविर में जाने का आदेश दिया. दोपहर बाद एडीएसी गणोश कुमार, एडीएम अजीत शंकर, एसडीओ सुबोध कुमार, प्रशिक्षु आइएएस नेहा अरोड़ा एवं डीएसपी कन्हैया उपाध्याय ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और उपायुक्त को इससे अवगत कराया. बाढ़ के खतरे को देखते हुए उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने कर्नल देवेंद्र पांडेय
के साथ बैठक की तथा सेना को स्टैंड बाई अलर्ट पर रहने को कहा है. सेना की ओर से भी सहमति दे दी गयी है. उपायुक्त ने कहा कि स्थिति बिगड़ने पर सेना द्वारा फंसे हुए लोगों को बचाने का अभियान चलाया जायेगा, हालांकि अभी वह स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. शाम में उपायुक्त ने सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की तथा रेस्क्यू ऑपरेशन, राहत शिविर, जोनवार मुख्यालय, प्रभावित क्षेत्र की बिजली काटने तथा जेनरेटर से रोशनी की व्यवस्था करने का काम बांटते हुए सभी को सक्रिय रहने का आदेश दिया.
बाढ़ से एक हजार घर प्रभावित: उपायुक्त
उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने कहा कि बाढ़ से शहर में कम से कम एक हजार घर प्रभावित हुए हैं. जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से बचाव और राहत के तमाम उपाय किये गये हैं. स्थिति पर नजर रखी जा रही है. क्षेत्रवार राहत शिविर और मुख्यालय बनाये गये हैं और सभी को काम बांट दिया गया है. सेना से भी संपर्क साधा गया है और सेना को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. रात को प्रभावित क्षेत्र के लोग अपने-अपने घरों में न रहें यह स्पष्ट आदेश दिया गया है. व्यांगबिल और चांडिल डैम का कितना फाटक खुला है या बंद है, यह वे सुरक्षा कारणों से नहीं बता सकते.