एक्सएलआरआइ में लोयोला कॉलेज ऑफ एजुकेशन का सेमिनार, वक्ताओं ने कहा

फोटो दूबे जी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर एक्सएलआरआइ के प्रादर प्रभु हॉल में लोयोला कॉलेज ऑफ एजुकेशन की ओर से दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में बदलते दौर में पठन-पाठन के बदले स्वरूप पर चर्चा की गयी. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में एनसीटीइ के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर डीएन सन्सनवाल, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2015 9:04 PM

फोटो दूबे जी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर एक्सएलआरआइ के प्रादर प्रभु हॉल में लोयोला कॉलेज ऑफ एजुकेशन की ओर से दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में बदलते दौर में पठन-पाठन के बदले स्वरूप पर चर्चा की गयी. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में एनसीटीइ के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर डीएन सन्सनवाल, विशिष्ट अतिथि कोल्हान विवि की प्रति कुलपति डॉ शुक्ला मोहंती, एक्सएलआरआइ में बिजनेस ऑफ एथिक्स के प्रोफेसर डॉ ओजी मास्केरेंस और डॉ सुचिता भुइयां ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. सेमिनार में प्रो सन्सनवाल ने कहा कि अब पढ़ाई का तरीका बदल गया है. शिक्षक-शिक्षिकाओं के सामने चुनौतियां बढ़ी हैं. क्लास रूम को बोरिंग न होने दें. क्लास रूम को इस तरह से बनाने की जरूरत है कि इसमें बच्चे को पढ़ाई के दौरान समय-समय पर आपकी बातों से जर्क (स्पंदन) आये. यानी, वे आपकी बातों को सुन कर मोटिवेट हों व क्लास रूम को भी भरपूर इन्जॉय करें. डॉ शुक्ला मोहंती ने कहा कि समाज में जिस तरह से विकृति आ रही है, यह चिंता का विषय है. लेकिन, समाज को एक नयी दिशा अगर कोई दिखा सकता है तो वे शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं. उन्होंने पठन-पाठन में टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर बल दिया. बताया कि अब क्लास रूम थ्योरी की बजाये पढ़ाई में प्रैक्टिकल व्यू होनी चाहिए. शनिवार को सेमिनार का समापन किया जायेगा. इस दौरान कई पेपर भी पेश होंगे. सेमिनार को आयोजित करवाने में मुख्य रूप से कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ फादर आइ टोप्नो, फादर सुनील लकड़ा और डॉ मोनिका उप्पल की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

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