प्लास्टिक बन रहा पशुओं की जान का दुश्मन
फोटो28 केबीआर 2, 3 – जंगलों में असुरक्षित तरीके से फेंका गया कचरा.संवाददाता, किरीबुरूशहर के कचरा का असुरक्षित भंडारण की वजह से पालतू जानवरों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है. कचरे में मौजूद प्लास्टिक आदि खान से गाय व बकरियों की मौत व स्वास्थ्य बिगड़ने का सिलसिला जारी है. ज्ञात हो कि सेल […]
फोटो28 केबीआर 2, 3 – जंगलों में असुरक्षित तरीके से फेंका गया कचरा.संवाददाता, किरीबुरूशहर के कचरा का असुरक्षित भंडारण की वजह से पालतू जानवरों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है. कचरे में मौजूद प्लास्टिक आदि खान से गाय व बकरियों की मौत व स्वास्थ्य बिगड़ने का सिलसिला जारी है. ज्ञात हो कि सेल प्रबंधन कर्मचारी आवासों व शहर के कचरों को उठाने का कार्य ठेका श्रमिकों से करवाता है. इसके लिए शहर के 6-7 स्थानों पर कचरा डंप स्थल बनाया गया है. लेकिन जहां कचरा डंप किया जाता है, उस स्थान की घेराबंदी नहीं की गयी है. खुले में कचरा रखने से पालतू पशु भोजन की आस में यहां पहुंचते है और भोज्य पदार्थ के साथ प्लास्टिक भी खा लेते है. यह प्लास्टिक पशुओं के असमय मौत का कारण बन रहा है. लोगों की मांग है कि प्रबंधन कचरा स्टॉक वाले स्थानों की घेराबंदी करे ताकि पशु वहां तक नहीं पहुंच सके. इसके अलावा घेराबंदी से प्लास्टिक व कचरा हवा से उड़कर जंगल में भी नहीं जा सकेगा. इससे पेड़-पौधों व पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. चिकित्सकों के अनुसार पालीथिन (प्लास्टिक) मवेशियों के रियूमेन में एकत्र होकर जानवर की पाचन क्रि या को अनियंत्रित कर देता है, इससे उसकी भूख खत्म हो जाती है. अत्यधिक सेवन करने वाले मवेशियों में गोबर न बनने की समस्या बढ़ने लगती है और धीरे-धीरे उसकी मौत हो जाती है.