जमशेदपुर: केंद्र सरकार की ओर से हाल में एमएमडीआर एक्ट (माइंस एंड मिनरल डेवलपमेंट रेगुलेशन एक्ट) में किये गये संशोधन के प्रभावी होते ही इसका असर दिखने लगा है. इसके तहत केंद्र सरकार के निर्देश पर मुसाबनी में बंद पड़ी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) के सभी खदानों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है.
नये माइनिंग एक्ट में किये गये बदलाव के तहत एचसीएल को तत्काल प्रभाव से 2020 तक के लिए लाइसेंस रिन्युअल करने को कहा गया है. सिर्फ पर्यावरणीय स्वीकृति और वन विभाग का क्लियरेंस मिलते ही कार्य में तेजी आयेगी. इसे लेकर खनन विभाग को निर्देश मिल चुका है. दूसरी ओर, इस नये एक्ट में संशोधन के बाद टाटा स्टील और सेल को भी लाभ मिलने लगा है. झारखंड राज्य खनिज निगम (जेएसएमडीसी) की ओर से बहरागोड़ा के ज्योति पहाड़ी और दिरमोई में काइनाइट का उत्खनन कार्य को फिर से शुरू करने पर रजामंदी मिल गयी है.
एक्ट में हुए बदलाव
पहले से जिसका लीज (2015 के पहले) था, उसे 50 साल तक के लिए स्वत: रिन्युअल कर दिया गया है
जिस भी कंपनी का कैप्टिव माइंस (उत्खनन के बाद खनिज का इस्तेमाल कंपनी में उत्पादन के लिए किया जाता है) है और डिम्ड के रूप में संचालित हो रहा था, उसे 31 मार्च 2030 तक के लिए स्वत: उत्खनन का लाइसेंस दे दिया गया है
जिस कंपनी का नन कैप्टिव माइंस (उत्खनन बिजनेस करने के लिए किया जाता हो) हो, उसे 31 मार्च 2020 तक के लिए सीधे तौर पर रिन्युअल कर दिया गया है
सरकारी कंपनियां या निगम की ओर से संचालित कंपनियों को 50 साल के लिए सीधे तौर पर लीज रिन्युअल करने का निर्देश दे दिया गया है
इससे कोल्हान की कंपनियों को होने वाला लाभ
* सेल की ओड़िशा और झारखंड में स्थित खदानें डिम्ड होने के कारण फंस गयी थी, अब उत्पादन हो सकेगा
* टाटा स्टील के नोवामुंडी सहित ओड़िशा के सभी खदानों का रिन्युअल आसानी से हो जायेगा
* झारखंड राज्य खनिज निगम (जेएसएमडीसी) के काइनाइट के बहरागोड़ा स्थित ज्योति पहाड़ और सिरगोई का रिन्युअल हो जायेगा