14 को सतुआनी के बाद शुरू होंगे विवाहादि शुभ कार्य

– दिन 1:47 बजे मीन से मेष राशि में संक्रमण करेंगे सूर्यवरीय संवाददाता, जमशेदपुर सतुआ संक्रांति अर्थात् सूर्य की मीन संक्रांति मंगलवार (14 अप्रैल) को है. इस दिन दिवा 1:46 बजे तक सूर्यदेव मीन राशि में रहेंगे. दिवा 1:47 बजे उनका मेष राशि में प्रवेश होगा. इसके साथ ही वर्ष का मीन खरमास समाप्त हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2015 6:04 PM

– दिन 1:47 बजे मीन से मेष राशि में संक्रमण करेंगे सूर्यवरीय संवाददाता, जमशेदपुर सतुआ संक्रांति अर्थात् सूर्य की मीन संक्रांति मंगलवार (14 अप्रैल) को है. इस दिन दिवा 1:46 बजे तक सूर्यदेव मीन राशि में रहेंगे. दिवा 1:47 बजे उनका मेष राशि में प्रवेश होगा. इसके साथ ही वर्ष का मीन खरमास समाप्त हो जायेगा तथा विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, वास्तु पूजन, वधू प्रवेश (द्विरागमन सहित) आदि शुभ कार्यों का शुभारंभ हो जायेगा. खरमास में क्यों वर्जित हैं शुभ कार्यविवाह आदि शुभ कार्यों में वृहस्पति, चंद्रमा आदि ग्रहों का बल देखना आवश्यक माना गया है. खरमास के दौरान (धनु या मीन खरमास) सूर्य वृहस्पति की राशि में रहते हैं. इस दौरान वृहस्पति निर्बल हो जाते हैं, जिससे विवाहादि शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं. संक्रांति का पुण्यकालसूर्य की मीन संक्रांति का पुण्यकाल 14 अप्रैल (संक्रांति के दिन) को प्रात: सूर्योदय (5:27:32 बजे) से आरंभ होकर दिवा 11 : 37 बजे तक रहेगा.इस दिन मनाये जाते हैं विभिन्न त्योहारसूर्य की मीन संक्रांति पवित्र दिन माना जाता है. पूरे देश में अलग-अलग भागों में इस दिन अलग-अलग त्योहार मनाये जाते हैं. झारखंड-बिहार-यूपी में इसे सतुआ संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. वहीं, बंगाल में इसी दिन (पोइला बैशाख) से नये वर्ष की शुरुआत होती है. पंजाब में बैसाखी, केरल में विशु, तमिलनाडु में नव वर्षारंभ, मणिपुर में कैरोवा आदि त्योहार मनाये जाते हैं. इस दिन श्रद्धालु अपने आराध्य के साथ ही कुल देवता / कुलदेवी को नवान्न के रूप में सतुआ, आम, गुड़ या नये अन्न से बने पकवान आदि अर्पित करते हैं. इसी दिन से लोग प्याऊ शुरू करते हैं, जिसे अत्यंत पुण्य का कार्य माना जाता है.

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