अभियान से मुख्यमंत्री भी जुड़े
स्कूल चलें-चलायें अभियान. हर मंत्री को दिया गया दो जिले का प्रभार सीएम बने रांची व गुमला के प्रभारी रांची : स्कूल चले-चलायें अभियान को सफल बनाने के लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य के मंत्री व अधिकारी जिलों में जायेंगे. मुख्यमंत्री रघुवर […]
स्कूल चलें-चलायें अभियान. हर मंत्री को दिया गया दो जिले का प्रभार
सीएम बने रांची व गुमला के प्रभारी
रांची : स्कूल चले-चलायें अभियान को सफल बनाने के लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य के मंत्री व अधिकारी जिलों में जायेंगे.
मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद दो जिलों के प्रभारी बने हैं. शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने गुरुवार को कार्यालय में संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वत: इस अभियान से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की थी. मुख्यमंत्री रांची व गुमला जिले में अभियान का नेतृत्व करेंगे. मुख्यमंत्री के अलावा सभी मंत्रियों को भी दो-दो जिलों का प्रभारी बनाया गया है.
प्रभारी मंत्री 22 से 25 अप्रैल तक संबंधित जिलों में अभियान की निगरानी करेंगे. विभिन्न विभागों के सचिव भी जिलों का दौरा करेंगे. विद्यालय चलें, चलायें अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाया है. अभियान के तहत बच्चों को सिर्फ स्कूल से जोड़ना ही नहीं है बल्कि उनका ठहराव भी सुनिश्चित किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि सभी विभाग के सचिव, स्थानीय जनप्रतिनिधि, कॉरपोरेट जगत व बैंक को भी अभियान में शामिल किया जायेगा. सरकार स्कूल में इस तरह का माहौल बनाना चाहती है कि बच्चे खुश होकर स्कूल जायें. उनको जबरन नहीं ले जाना पड़े. हमारी प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की है. इसके लिए सरकार आने वाले छह माह के अंदर रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति करेगी.
निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत बीपीएल बच्चों के नामांकन के सवाल पर कहा कि प्रस्ताव बनाया गया है कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को रखा जायेगा.
सरकार निजी स्कूलों को रेट चार्ट देगी.निजी स्कूल द्वारा री-एडमिशन और अन्य मद में ली जा रही राशि पर कहा कि जल्द नकेल कसेंगे. मौके पर मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक, झारखंड शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदाधिकारी प्रदीप कुमार चौबे भी उपस्थित थे.
बच्चों को ठहराव सुनिश्चित होगा
शिक्षा सचिव आराधना पटनायक ने बताया कि इससे पूर्व भी नामांकन अभियान चलाया जाता रहा है. इस वर्ष नामांकन के साथ-साथ बच्चों का स्कूल में ठहराव भी सुनिश्चत किया जायेगा. नामांकन के बाद बच्चे विद्यालय में ठहरे इसलिए मध्याह्न् भोजन के बाद करके सीखो अभियान की शुरुआत की गयी है. शत-प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चे व अभिभावकों को पुरस्कृत किया जायेगा.