400 किलोमीटर दूर के प्लांट का संचालन जमशेदपुर से ही होगा, दो नये सेंटर खोलने से बड़ी राहत
टाटा स्टील ने एआइ और तकनीक का इस्तेमाल कर दो सेंटर संचालित किया है. टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट से ही सारे माइंस को कंट्रोल करने के लिए एक सेंटर विकसित किया गया है.
जमशेदपुर : टाटा स्टील ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीक का इस्तेमाल कर अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है. करीब 400 किलोमीटर दूर के प्लांट से लेकर एक किलोमीटर दूर तक के प्लांट को एक ही स्थान से संचालित करने की प्रक्रिया को और बेहतर बना दिया है. इसका प्रयोग पहली बार तीन मार्च 2023 को किया गया था. जब पहली बार इंटीग्रेटेड रिमोट ऑपरेशन सेंटर जमशेदपुर प्लांट में स्थापित की गयी थी. अब दो नये सेंटर विकसित किये गये हैं. इसमें इंटीग्रेटेड कोक प्लांट रिमोट ऑपरेशन सेंटर और इंटीग्रेटेड मेंटेनेंस एक्सीलेंस सेंटर शामिल है. इसका उद्घाटन इसी साल तीन मार्च को किया गया. इसके तहत टाटा स्टील के जमशेदपुर, कलिंगानगर और मेरामंडली स्टील प्लांट मेंटेनेंस एक ही स्थान से किया जा सकेगा. कहां क्या गड़बड़ी आयी है, उसको बेहतर तरीके से बनाया जा सकेगा. तीनों प्लांट को एक ही कंट्रोल रूम से नजर रखने के साथ ही संचालित भी की जा सकती है. इसके जरिये डेटा संचालित रखरखाव करना आसान होगा. शॉप फ्लोर पर विशेषज्ञ सलाह लिया जा सकेगा, जबकि सेंट्रल डेटा लेक में मॉडल को स्थापित किया जा सकेगा. इसके जरिये किसी भी उपकरण या प्लांट के मशीनों के रखरखाव में आसानी होगी, जिससे उसकी जिंदगी भी बढ़ जायेगी. इसी तरह दूसरा कंट्रोल रूम इंटीग्रेटेड कोक प्लांट रिमोट ऑपरेशन के तौर पर तैयार किया गया है. जमशेदपुर प्लांट कोक ओवेन बैटरी, कोक ड्राइ क्वेंटचिंग स्टेशन, नये और पुराने बाइ प्रोडक्ट प्लांट और पुराना बायोलॉजिकल ऑक्सीजन ट्रीटमेंट प्लांट मिलाकर कुल 22 कंट्रोल को एक साथ जोड़कर एक सेंटर विकसित किया गया है. कोक प्लांट को सुरक्षा के लिहाज से काफी खतरनाक माना जाता है, जहां खतरनाक काम होते हैं. इस नयी तकनीक से इस तरह के खतरे से सारे लोग दूर हो जायेंगे और इसके जरिये इसका मेंटेनेंस और ऑपरेशन के साथ ही कंट्रोल भी किया जा सकेगा. यह अपने तरीके का देश में अनूठा प्रयोग है.
दो सेंटर पहले से कारगर तरीके से काम कर रहा
टाटा स्टील ने एआइ और तकनीक का इस्तेमाल कर दो सेंटर संचालित किया है. टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट से ही सारे माइंस को कंट्रोल करने के लिए एक सेंटर विकसित किया गया है. इसके अलावा इंटीग्रेटेड रिमोट ऑपरेशन सेंटर संचालित की जा रही है, ताकि सारे काम एक ही मंच से किया जा सके. कोरोना काल के बाद इसकी जरूरत महसूस की गयी थी. उसी दौरान इस पर काम हुआ और यह चौथा नया प्रयोग प्लांट में किया गया है.