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झारखंड में 1800 करोड रुपये की ठगी करने वाले कमल कुमार सिंह को असम में पुलिस ने किया गिरफ्तार
गुवाहाटी में हुई गिरफ्तारी, भेजा गया घाटशिला जेल, हवाई मार्ग से गुवाहाटी से कोलकाता और फिर सड़क मार्ग से शहर लाया गया पिछले सात दिनों से पुलिस ने गुवाहाटी में किया हुआ था कैंप तकनीकी सेल के सिस्टम को पुलिस ले गयी थी गुवाहाटी, जिसके आधार पर कमल की हुई गिरफ्तारी असम पुलिस को गिरफ्तारी […]
गुवाहाटी में हुई गिरफ्तारी, भेजा गया घाटशिला जेल, हवाई मार्ग से गुवाहाटी से कोलकाता और फिर सड़क मार्ग से शहर लाया गया
पिछले सात दिनों से पुलिस ने गुवाहाटी में किया हुआ था कैंप
तकनीकी सेल के सिस्टम को पुलिस ले गयी थी गुवाहाटी, जिसके आधार पर कमल की हुई गिरफ्तारी
असम पुलिस को गिरफ्तारी से पहले भनक तक नहीं लगने दी गयी
गुवाहाटी से कोलकाता पहुंचने के बाद दारोगा दयानंद कुमार ने कमल को पहचाना
कमल के इंवेस्टमेंट की जगहों व बैंक खाता को पुलिस सील करने में जुट गयी
कमल कुमार सिंह के माता-पिता दिल्ली में रहते हैं
वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
जादूगोड़ा में राज डॉट कॉम के जरिये यूसीएलआइ अधिकारियों समेत स्थानीय लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोपी कमल कुमार सिंह को असम के गुवाहाटी में दीसपुर के अहिलापाड़ा से गिरफ्तार कर लिया है. उसे 19 अप्रैल की शाम को गिरफ्तार किया गया. वहां वह कुछ दिनों से फ्लैट खरीदकर रह रहा था. पुलिस उसे असम से हवाई मार्ग द्वारा कोलकाता लायी. फिर सड़क मार्ग द्वारा सोमवार को सुबह शहर लाया गया. मीडिया के समक्ष प्रस्तुत कर उसे घाटशिला जेल भेज दिया गया है. पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. इसकी जानकारी एसएसपी एवी होमकर ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पत्रकारों को दी.
हालांकि, ठगी का यह मामला 1800 करोड रुपये के आसपास का बताया जा रहा है. चूंकि 100 करोड रुपये की गडबडी का मामला ही उस पर दर्ज हुआ है, इसलिए पुलिस अधिकारिक रूप से इतनी राशि का ही नाम ले रही है.
उन्होंने कहा कि पूछताछ में कमल ने पुलिस को जानकारी दी है कि ठगी के रुपये को उसने कहां-कहां इंवेस्ट किया है. पुलिस इनवेस्टमेंट की जगहों तथा बैंक एकाउंट को सील करने में जुट गयी है. पुलिस को कमल के भाई दीपक कुमार सिंह का लोकेशन भी मिल गया है. पुलिस उसे भी जल्द गिरफ्तार कर लेगी. उन्होंने कहा कि टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारियों को रिवार्ड मिलेगा. इस मौके पर ग्रामीण एसपी शैलेंद्र कुमार सिन्हा, डीएसपी बीएन सिंह, घाटशिला एसडीपीओ भी मौजूद थे.
पिछले सात दिनों से पुलिस ने गोवाहाटी में कैंप किया था
एसएसपी ने बताया कि कमल कुमार सिंह की गिरफ्तारी के लिए वैसे तो पुलिस पिछले एक वर्ष से काम कर रही थी, लेकिन इधर तीन माह में पुलिस को फरार कमल के बारे में कई महत्वपूर्ण सुराग मिले. कमल की अकसर जादूगोड़ा के लोगों से मोबाइल फोन पर बात हो रही थी. तकनीकी सेल के माध्यम से पुलिस को 10 दिनों पूर्व कमल कुमार का लोकेशन गुवाहाटी में मिला. जिसके बाद पुलिस पटमदा अंचल इंस्पेक्टर सुमन आनन के नेतृत्व में एक विशेष टीम में शामिल दारोगा दयानंद कुमार, तकनीकी सेल के आरक्षी विक्रांत शंकर झा और सुनील कुमार इनोवा से गुवाहाटी के लिए रवाना हुई. पुलिस तकनीकी सेल का सारा सिस्टम अपने साथ ले गयी थी. लगातार सफर कर 36 घंटों के बाद टीम गुवाहाटी पहुंची. उन्होंने बताया कि चूंकि टीम के लोग कमल कुमार सिंह को नहीं पहचानते थे. इस वजह से काफी परेशानी हुई. तकनीकी सेल के माध्यम से कमल द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे मोबाइल के जरिये पुलिस टीम ने उसके ठिकाना का पता लगाया. जिसके बाद पुलिस टीम ने उसे घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया.
असम पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी
एसएसपी ने बताया कि कमल की गिरफ्तारी के लिए उन्होंने असम पुलिस की मदद नहीं ली है. उन्हें इस बात का भय था कि यदि झारखंड पुलिस असम पुलिस से संपर्क करती तो यह खबर उस तक पहुंच जाती कि झारखंड पुलिस असम आयी है. जिसके बाद पुलिस का मिशन फेल हो जाता. कमल की गिरफ्तारी के बाद असम पुलिस को जानकारी देकर उसे हवाई मार्ग से कोलकाता लाया गया.
कोलकाता में हुई कमल की पहचान
एसएसपी ने बताया कि अमस में कमल की गिरफ्तारी के बाद कोलकाता से कमल को शहर लाने के लिए दूसरी टीम भेजी गयी थी. उन्हें इस बात की सूचना मिल रही थी कि कमल कोलकाता से भागकर दिल्ली जा सकता है. उन्होंने एक अन्य टीम कोलकाता भेजी. कोलकाता हवाई अड्डा में पहुंचने के बाद कमल को दूसरी पुलिस की टीम ने पहचान लिया, जिसके बाद उसे सड़क मार्ग द्वारा शहर लाया गया.
असम का स्थायी पते पर रह रहा था कमल
पुलिस ने जांच में पाया है कि कमल कुमार सिंह करोड़ों रुपये की ठगी करने के बाद अपना ठिकाना बदल कर रह रहा था. जादूगोड़ा से फरार होने के बाद उसने पिछले वर्ष धनबाद में जाकर शरण ली. पुलिस को धनबाद के ठिकाने का पता चल गया. पुलिस टीम शहर से रवाना होने वाली थी. इस बीच टेल्को में ब्रजेश सहाय की हत्या हो गयी. पुलिस का मिशन फेल हो गया. इसके बाद वह धनबाद से नोएडा गया. नोएडा में लंबे समय तक रहा. वहां से दिल्ली और फिर जम्मू चला गया. कुछ दिनों पहले वह असम के गुवाहाटी में फ्लैट खरीद कर रह रहा था. उसका स्थायी पता असम का है, जिसके आधार पर उसने फ्लैट खरीदा है. पुलिस ने फ्लैट सील कर लिया है. उन्होंने कहा यदि पुलिस कुछ दिन विलंब करती तो वह असम के गुवाहाटी से अपना फ्लैट बेचकर दूसरे जगह शिफ्ट होने वाला था.
टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारियों के नाम
कमल की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी के ग्रामीण एसपी शैलेंद्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में टीम का गठन किया. टीम में मुसाबनी के पुलिस उपाधीक्षक बचनदेव कुजुर, मुसाबनी प्रशिक्षु डीएसपी सुमित कुमार, जादूगोड़ा अंचल इंस्पेक्टर, जादूगोड़ा थाना प्रभारी, पोटका थाना प्रभारी मुसाबनी के रामचंद्र राम तथा डीएसपी बीएन सिंह के नेतृत्व में तकनीकी सेल की गठित टीम में आरक्षी गंगाराम पूर्ति, रवि मिश्र, विक्रांत शंकर झा तथा संजय कुमार तिवारी शामिल हैं.
कुल सात मामले हैं दर्ज
एसएसपी एवी होमकर ने बताया कि कमल कुमार सिंह पर अभी तक कुल सात मामले दर्ज है. जादूगोड़ा में कुल चार मामले और परसुडीह में कुल तीन मामले दर्ज है. पुलिस ने अभी कमल को जादूगोड़ा थाना में 25 सितंबर 13 को (जादूगोड़ा थाना कांड संख्या 61/13) दर्ज कराये गये मामले में घाटशिला जेल भेजा है. एसएसपी ने अपील की है कि जिनके साथ ठगी हुई है और जो अभी तक पुलिस को लिखित शिकायत नहीं कर सके हैं. वह पुलिस को लिखित सूचना दे, तांकि कमल कुमार सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके.जादूगोड़ा थाना में धरमडीह के रविंद्रनाथ सिंह के बयान पर जादूगोड़ा राज डॉट कॉम के मालिक सह धरमडीह निवासी कमल कुमार सिंह, दीपक कुमार सिंह, रुद्र नारायण भगत, अजीत पात्रो, वरुण सिंह, मिहिर मल्लिक तथा सिद्धू पूर्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
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