टाटा लीज एवं सैरात के दस्तावेज निरीक्षण के दौरान टाटा स्टील पर 143 करोड़ बकाया का मामला सामने आया था. किस मद में 143 करोड़ बकाया है, यह संबंधित पदाधिकारी नहीं बता पाये थे. इसके बाद राजस्व पर्षद के सदस्य ने इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था.
दस्तावेज के अनुसार 2005 से पूर्व उपायुक्त निधि खरे के कार्यकाल तक नौ टीमें गठित कर सर्वे की गयी थी. इसमें 136 करोड़ रुपये वसूली करने की बात सामने आयी थी. इसमें 110 करोड़ सलामी तथा 26 करोड़ शेष राशि थी. टाटा स्टील ने शेष राशि देने से इनकार कर दिया था. मामला एससी में विचाराधीन है.