कंपनी में आनेवाले दिनों में हो सकती है छंटनी:नरेंद्रन
जमशेदपुर: आनेवाले दिनों में टाटा स्टील में कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है. इतने कर्मचारियों के साथ कंपनी नहीं चल सकती है. उक्त बातें टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कही. वे बुधवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबरों के ट्रेनिंग प्रोग्राम एनआइपीएम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. इस दौरान […]
जमशेदपुर: आनेवाले दिनों में टाटा स्टील में कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है. इतने कर्मचारियों के साथ कंपनी नहीं चल सकती है. उक्त बातें टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कही. वे बुधवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबरों के ट्रेनिंग प्रोग्राम एनआइपीएम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. इस दौरान टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे.
यहां मैनपावर ज्यादा है. पोस्को जैसी कंपनी के बेंचमार्क के मुताबिक 2200 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष स्टील उत्पादन करता है. वहीं टाटा स्टील में 600 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष के हिसाब से उत्पादन कर रहे हैं. पोस्को जैसी कंपनी पांच से छह हजार मजदूरों से 10 मिलियन टन स्टील उत्पादन कर रही है.
टाटा स्टील में 15 हजार कर्मचारी 10 मिलियन टन उत्पादन करते हैं. सभी को अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में रॉ मेटेरियल आसानी से मिलने के कारण यहां टाटा स्टील की स्थापना की गयी थी. अब वह मिलना मुश्किल हो गया है. झरिया से कोयला लाने से सस्ता ऑस्ट्रेलिया से लाने में पड़ रहा है. ऐसे में कंपनी पर लागत खर्च काफी ज्यादा पड़ रहा है. लिहाजा, इसे नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाने की जरूरत है.