वैशाखी पूर्णिमा व्रत कर बनें अनंत फल के भागी

वैशाख पूर्णिमा 3 को लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि रविवार (3 मई) को प्रात: 7:15 बजे से आरंभ होकर सोमवार (4 मई) को प्रात: 8:20 बजे तक रहेगी. इस प्रकार हम देखते हैं कि पूर्णिमा तिथि दो दिन मिल रही है, जिसमें पहला (3 मई) व्रत की पूर्णिमा और दूसरा (4 मई) को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2015 12:05 AM

वैशाख पूर्णिमा 3 को लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि रविवार (3 मई) को प्रात: 7:15 बजे से आरंभ होकर सोमवार (4 मई) को प्रात: 8:20 बजे तक रहेगी. इस प्रकार हम देखते हैं कि पूर्णिमा तिथि दो दिन मिल रही है, जिसमें पहला (3 मई) व्रत की पूर्णिमा और दूसरा (4 मई) को स्नान, दान आदि की पूर्णिमा होगी. चूंकि, उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा 4 को ही है, इसलिए इसी दिन बुद्ध जयंती, पुष्करा जयंती, गंधेश्वरी पूजा (बंगाल) आदि व्रत मनाये जायेंगे. इस दिन दान, धर्म आदि का विशेष फल प्राप्त होता है. प्रत्येक तिथि के समान ही इसमें उदया तिथि ही लेनी चाहिए.इस दिन प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर अपने आराध्य का पूजन करें. इसके पश्चात जल पूर्ण पात्र दान करने से गौदान जैसा फल प्राप्त होता है, ब्राह्मणों (जरूरतमंदों) को शक्कर सहित तिल दान करने से पाप क्षय, इस दिन वस्त्र सहित काला तिल दान करने से अनंत फल की प्राप्ति एवं तिल युक्त जल से स्नान कर घी, चीनी, तिल युक्त पात्र विष्णु के निमित्त आहूति में डालने से सर्व पापों से मुक्ति मिलती है. व्रती को इस दिन एक समय भोजन कर पूर्णिमा अथवा सत्यनारायण व्रत की कथा श्रवण करने से सुख-संपदा की प्राप्ति होती है. व्रती अगले दिन (मंगलवार) को सूर्योदय के पश्चात कभी भी पारण कर सकते हैं.

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