सामूहिक अवकाश पर रहे शिक्षक
चाईबासा/जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में 2008 बैच के शिक्षक बुधवार को सामूहिक अवकाश पर रहे. नवगठित कोल्हान विश्वविद्यालय प्रगतिशील शिक्षक संघ के बैनर तले लगभग सभी शिक्षक कोल्हान विश्वविद्यालय में जुटे. यहां शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कुलपति डॉ आरपीपी सिंह के साथ करीब ढाई-तीन घंटे वार्ता की. इस दौरान प्रत्येक मांग पर कुलपति […]
चाईबासा/जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में 2008 बैच के शिक्षक बुधवार को सामूहिक अवकाश पर रहे. नवगठित कोल्हान विश्वविद्यालय प्रगतिशील शिक्षक संघ के बैनर तले लगभग सभी शिक्षक कोल्हान विश्वविद्यालय में जुटे. यहां शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कुलपति डॉ आरपीपी सिंह के साथ करीब ढाई-तीन घंटे वार्ता की.
इस दौरान प्रत्येक मांग पर कुलपति ने शिक्षकों के साथ विस्तार से बात की. वहीं शिक्षकों ने भी संबंधित सवाल पूछे. कुलपति ने अविलंब एरियर भुगतान समेत कुछ मांगों को यथाशीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया और कुछ मांगों पर छह महीने तक का समय लगने की बात कही. इस दौरान प्रतिकुलपति डॉ शुक्ला महंती भी उपस्थित थीं.
14 कॉलेजों से आये शिक्षक
संघ के आह्वान पर विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत कॉलेजों से करीब 85 शिक्षक-शिक्षिकाएं जुटे थे. वार्ता से पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में नारेबाजी की. शिक्षकों के सामूहिक अवकाश पर रहने की वजह से कॉलेजों में कक्षाएं प्रभावित हुईं. वार्ता में संघ के कन्वेनर डॉ संजीव कुमार सिंह, डॉ सुनीत कुमार, डॉ प्रसून दत्त सिंह, विजय प्रकाश, डॉ संजीव आनंद, डॉ विष्णु शंकर प्रसाद, डॉ दलजीत कौर, डॉ प्रतिभा कुमारी, डॉ अनुराधा वर्मा, डॉ अनिल पाठक, प्रो अमरेंद्र कुमार, प्रो संजय नाथ, प्रो अविनाश कुमार, प्रो गजेंद्र कुमार, प्रो राजेंद्र जायसवाल, डॉ एसपी सिंह, प्रो संजय सिंह, प्रो रवि शंकर सिंह, प्रो मंजू षांड़गी, प्रो अरविंद कुमार, प्रो सविता सुंडी, प्रो जगदीश प्रसाद, प्रो रिंकी दोराई, प्रो राकेश कुमार समेत 2008 बैच के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए.
सभी कॉलेजों का होगा नैक
वार्ता के दौरान कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को यूजीसी से 12बी की मान्यता प्राप्त करने के लिए शिक्षकों की नियुक्त आदि नितांत आवश्यक है. इसके लिए राज्य सरकार से विश्वविद्यालय लगातार संपर्क में रहेगा. ताकि जल्द से जल्द सभी रिक्त पदों पर शिक्षक नियुक्ति हो सके. इसके बाद कॉलेजों का नैक एक्रिडिटेशन कराया जायेगा. इससे कॉलेजों के पुस्तकालय व प्रयोगशालाओं में आवश्यक पुस्तक व उपकरणों की कमी दूर हो सकेगी. कॉलेजों को पुस्तकालय व प्रयोगशालाओं के लिए दो-दो करोड़ रुपये आवंटित करो का प्रयास किया जायेगा. यह जानकारी संघ के डॉ सुनीत कुमार ने दी.