ग्रामीणों को नक्सली के रुप में पेश किए जाने के लिए किया गया था राजी : कांग्रेस
जमशेदपुर: झारखंड में कांग्रेस की इकाई ने आज आरोप लगाया कि वर्ष 2011 में भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत नौकरी दिलाने के झूठे वादे पर 514 निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली के रुप में पेश किए जाने के लिए राजी किया गया था और फिर उनसे आत्मसमर्पण कराया […]
जमशेदपुर: झारखंड में कांग्रेस की इकाई ने आज आरोप लगाया कि वर्ष 2011 में भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत नौकरी दिलाने के झूठे वादे पर 514 निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली के रुप में पेश किए जाने के लिए राजी किया गया था और फिर उनसे आत्मसमर्पण कराया गया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली पिछली झामुमो.कांग्रेस राजद गठबंधन सराकर ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की थी लेकिन उसके बाद वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘निर्दोष शिक्षित युवकों को आत्मसमर्पण नीति के लाभ हासिल करने और नौकरी पाने के वास्ते खुद को नक्सली के रुप में पेश किए जाने के लिए राजी किया गया तथा उन्हें इसके लिए अधिकारियों को रिश्वत देनी पडी, कुछ ने तो अधिकारियों की जेब गर्म करने के लिए अपनी जमीन गिरवी रख दी. ’’ भगत ने कहा कि लेकिन अफसोस है कि इन युवकों पर नक्सली होने का चस्पा अब भी लगा हुआ है लेकिन उन्हें न तो कोई लाभ मिला और न ही नौकरी.
उन्होंने दावा किया कि सभी 514 ग्रामीणों को रांची में कोबरा बटालियन कैंप में अवैध ढंग से रखा गया जबकि बटालियन के कर्मी को छोडकर वहां किसी और को ठहरने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है जिसकी गंभीरता से जांच करने की जरुरत है. वर्ष 2011 में भाजपा नीत सरकार ने वाहवारी बटोरने के लिए युवकों को गुमराह किया था. भगत ने कहा कि कांग्रेस शीघ्र ही राज्यपाल से मिलेगी और इस मामले की सीबीआई जांच के लिए दबाव डालेगी. झारखंड में रघुवर दास की अगुवाई वाली सरकार को सभी मोचरे पर विफल करार दते हुए उन्होंने उसे केवल घोषणाओं की सरकार बताया.