धूमधाम से मनी श्री श्री आनंदमूर्ति की जयंती
(फोटो आनंदमार्ग के नाम से सेव हैं)गदड़ा आश्रम में कीर्तन, नारायण भोज आयोजितबच्चों, महिलाओं में नये वस्त्र वितरितशहर के विभिन्न भागों में भी हुए आयोजनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरआनंदमार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति का जन्म दिवस शहर में आनंदमार्गियों ने धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर सोनारी, टेल्को, कदमा, मानगो के साथ ही गदड़ा आश्रम […]
(फोटो आनंदमार्ग के नाम से सेव हैं)गदड़ा आश्रम में कीर्तन, नारायण भोज आयोजितबच्चों, महिलाओं में नये वस्त्र वितरितशहर के विभिन्न भागों में भी हुए आयोजनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरआनंदमार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति का जन्म दिवस शहर में आनंदमार्गियों ने धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर सोनारी, टेल्को, कदमा, मानगो के साथ ही गदड़ा आश्रम में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये. गदड़ा आश्रम में इस अवसर पर 12 घंटे का अखंड ‘बाबा नाम केवलम’ कीर्तन आयोजित हुआ. इसके अलावा 500 से अधिक नारायणों को भोजन कराया गया एवं 200 से अधिक बच्चों एवं स्त्रियों को नये वस्त्र भी प्रदान किये गये. इस अवसर पर एक क्विज भी आयोजित हुआ. इस अवसर पर आचार्य नवारुणानंद अवधूत ने बताया कि श्री श्री आनंदमूर्ति का जन्म 1921 में वैशाखी पूर्णिमा के दिन बिहार के जमालपुर में एक साधारण परिवार में हुआ था. उन्होंने परिवार का दायत्वि संभालते हुए सामाजिक समस्याओं के कारणों का विश्लेषण तथा उनका निदान ढूंढ़ने एवं लोगों को योग, साधना आदि की शिक्षा देने में समय देने लगे तथा 1955 में आनंद मार्ग प्रचारक संघ की स्थापना की. इस कार्यक्र म को सफल बनाने में योगेशजी अरुण जी, सुधीर सिंह, शिवकुमार सिंह, इन्दु देवी, लाल बिहारी आनंद, धर्मेंद्र जी, बीएन कुमार, भोला विष्णु देव, सुनील आनंद, देवव्रत, आशा देवी, डॉ आशु, रामबली सिंह, सुनील सिंह, लक्ष्मण जी, गौतम जी व अन्य लोगों का भी सहयोग रहा.