जमशेदपुर: मीडिएशन के वक्त दोनों पक्षों का एक साथ उपस्थित होना चाहिए. इससे दोनों पक्षों के बीच मीडिएटर की विश्वसनीयता बनी रहती है. कई बार ऐसा होता है कि एक पक्ष पहले पहुंचने के बाद उनसे मीडिएटर बात करने लगते हैं तो दूसरा पक्ष यह देखकर गलत अर्थ निकाल लेता है.
जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में शनिवार को आयोजित मीडिएशन जागरूकता कार्यक्रम में एडवोकेट एसएस प्रसाद ने उक्त चिंता जतायी. कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नामित पटियाला हाउस कोर्ट के एडीजे हरीश दुदानी, एडवोकेट केके मखीजा, डॉ रेणु अग्रवाल ने उपस्थित वकील, मीडिएटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिएशन का दायरा व्यापक करने की आवश्यकता है.
कार्यक्रम में जिला जज अमिताभ कुमार, जिला परिवार न्यायालय के जज पंकज कुमार और जमशेदपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस मित्र मंचासीन थे. इनके अलावा न्यायिक पदाधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव केके श्रीवास्तव भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. शनिवार को जागरूकता कार्यक्रम के बाद रविवार को चार जिलों के वकील और मीडिएटर्स को दिल्ली से आये विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे. बोकारो, सरायकेला, चाईबासा, घाटशिला से आये वकीलों को यह प्रशिक्षण दिया जायेगा.