रवींद्र पाठ्य चक्र में होती है कविगुरु पर चर्चा (फोटो कल के डेट में है)
लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर शहर में बसे कई बुद्धिजीवी व कविगुरु प्रेमी लोगों ने अपनी कॉलोनी में रवींद्र संसद की शुरुआत हुई थी. करीब 20 साल पहले टेल्को निवासी सत्येंद्रनाथ दे, पद्मलोचन बसु, गोपाल हरि बंदोपाध्याय, शिवानी बंदोपाध्याय, प्रभात चक्रवर्ती आदि के नेतृतव में रवींद्र संसद को प्रारंभ किया गया. कार्यस्थल से लौट कर लोग एक जगह […]
लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर शहर में बसे कई बुद्धिजीवी व कविगुरु प्रेमी लोगों ने अपनी कॉलोनी में रवींद्र संसद की शुरुआत हुई थी. करीब 20 साल पहले टेल्को निवासी सत्येंद्रनाथ दे, पद्मलोचन बसु, गोपाल हरि बंदोपाध्याय, शिवानी बंदोपाध्याय, प्रभात चक्रवर्ती आदि के नेतृतव में रवींद्र संसद को प्रारंभ किया गया. कार्यस्थल से लौट कर लोग एक जगह एकत्रित होते थे और कविगुरु की रचना, साहित्य एवं जीवनी व अन्य पहलुओं पर चर्चा करते थे. उनका मानना था कि इस चर्चा से न केवल वे तनाव मुक्त होंगे, बल्कि जीवन को सही ढंग से जीने की उन्हें प्रेरणा मिलेगी. कई वर्षों तक यह चर्चा चलती रही, लेकिन सदस्यों के एक के बाद एक जाने से यह चर्चा कुछ समय के लिए बंद हो गयी. बाद में शहर में दो अलग-अलग ग्रुप बने और अलग-अलग नाम से इसकी शुरुआत हुई. सोनारी में रवींद्र पाठ्य चक्र डॉ महंती के नेतृत्व में उनके आवास पर वर्ष 1994 में रवींद्र पाठ्य चक्र की शुरुआत है. इस महफिल में शहर के विभिन्न पेशे से जुड़े करीब 30 लोग सप्ताह में बुधवार के दिन जमा होते हैं और कविगुरु की जीवनी व रचनाओं से जुड़े एक-एक अंश पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हैं. कदमा में आनंदम रवींद्र पाठ्य चक्र कदमा एयर बेस कॉलोनी में अल्पना भट्टाचार्य एवं दिलीप भट्टाचार्य के नेतृत्व में वर्ष 1997 में आनंदम रवींद्र पाठ्य चक्र की शुरुआत हुई. इस महफिल में करीब 25 सदस्य हैं, जो हर शुक्रवार को एकत्रित होते हैं और कविगुरु पर चर्चा करते है. श्रीमती भट्टाचार्य ने बताया कि कविगुरु की जयंती के उपलक्ष्य पर शुक्रवार का सत्र कविगुरु की जयंती पर आधारित रहा, जिसका नाम रखा गया जन्मदिने रवींद्रनाथ. सभी ने इस अपने विचार रखे एवं उनकी जीवनी के रोचक बातों पर चर्चा की.