बारिश के पहले एनएच-33 की मरम्मत संभव नहीं
मरम्मतीकरण के लिए किसी ने नहीं डाला टेंडर जमशेदपुर : राज्य सरकार और झामुमो के बीच टकराव का कारण बनी एनएच 33 की मरम्मतीकरण का काम फिर लटकता दिख रहा है. मरम्मतीकरण का काम महुलिया से बंगाल सीमा तक (71.8 किलोमीटर) दो हिस्सों में 67 करोड़ में होना है. लेकिन अंतिम तिथि 11 मई के […]
मरम्मतीकरण के लिए किसी ने नहीं डाला टेंडर
जमशेदपुर : राज्य सरकार और झामुमो के बीच टकराव का कारण बनी एनएच 33 की मरम्मतीकरण का काम फिर लटकता दिख रहा है. मरम्मतीकरण का काम महुलिया से बंगाल सीमा तक (71.8 किलोमीटर) दो हिस्सों में 67 करोड़ में होना है.
लेकिन अंतिम तिथि 11 मई के बीत जाने के बावजूद एक भी ठेकेदार ने दोनों में से किसी भी प्रोजेक्ट में टेंडर नहीं डाला. यह टेंडर 13 मई को खोला जाना था.
झारखंड राज्य पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार राणा ने इस संबंध में बताया कि तय सीमा में एक भी टेंडर नहीं होने के कारण, सरकार के आदेश से आवेदन जमा करने की तिथि 16 मई कर दी गयी है. अब 18 मई को टेंडर खोला जायेगा.
बारिश के पहले मरम्मत संभव नहीं: पहले से ही इस बात की आशंका थी कि एनएच 33 के मरम्मतीकरण का काम बारिश के पहले संभव नहीं होगा.
काम करने के लिए एक भी ठेका कंपनी के आगे नहीं आने और टेंडर की तिथि बढ़ने से यह तय है कि अब मरम्मतीकरण का काम बारिश के पहले असंभव होता दिखा रहा है. गौरतलब है कि मौसम विभाग ने संभावना जतायी है कि झारखंड में मानसून 10 जून को प्रवेश कर जायेगा. ऐसे में बारिश के दिनों में एनएच 33 की स्थिति और नारकीय हो जायेगी और एनएच 33 होते हुए बंगाल या ओड़िशा जा पाना बेहद दुरुह हो जायेगा.
गरमा सकती है राजनीति: टेंडर टर्नअप नहीं होने के कारण एनएच 33 पर राजनीति एक बार फिर गरमा सकती है. झामुमो ने सरकार को 15 जून तक सड़क को चलने लायक बनाने का अल्टीमेटम देते हुए अपना चक्काजाम वापस लिया है. ऐसे में यदि मरम्मतीकरण का काम शुरू नहीं हो पाया तो फिर से इस पर राजनीतिक पारा चढ़ने की आशंका है.
एनएच 33 में महुलिया से बंगाल सीमा तक 71.8 किलोमीटर मरम्मत कार्य के लिए टेंडर निकाला गया है, लेकिन ठेकेदार टर्नअप नहीं हुआ. जिसके कारण इसकी तिथि 16 मई तक बढ़ा दी गयी है.-अरुण कुमार राणा, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, पूर्वी सिंहभूम.