अब पढ़ाई के साथ नौकरी की भी तैयारी

जमशेदपुर: एनएसएस से जुड़े विद्यार्थियों को जॉब उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रलय व और एडवाइजर टू प्राइम मिनिस्टर ऑल स्किल डेवलपमेंट ने संयुक्त रूप से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) के साथ करार किया है. इसके तहत नेशनल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम लागू किया जा रहा है. इसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2013 1:41 AM

जमशेदपुर: एनएसएस से जुड़े विद्यार्थियों को जॉब उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रलय व और एडवाइजर टू प्राइम मिनिस्टर ऑल स्किल डेवलपमेंट ने संयुक्त रूप से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) के साथ करार किया है. इसके तहत नेशनल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम लागू किया जा रहा है. इसके लिये टिस के अधिकारियों की एक टीम ने बुधवार को कोल्हान विश्वविद्यालय का दौरा किया. यहां विश्वविद्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर एमओयू के बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया. प्रोग्राम का उद्देश्य एनएसएस के जुड़े विद्यार्थियों की दक्षता विकसित कर रोजगार उपलब्ध कराना है, ताकि पढ़ाई पूरी करने के साथ ही उन्हें प्लेसमेंट मिल सके. बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार पहले चरण के कोर्स का प्रस्ताव विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में रखा जायेगा. बैठक के बाद विश्वविद्यालय के एनएसएस प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर डॉ सुनीत कुमार ने बताया कि इस महीने के अंत तक एमओयू हो जाने की उम्मीद है. बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई ‘टिस’ की ओर से उस पर विश्वविद्यालय को ड्राफ्ट भेजा जायेगा, जिस पर फिर चर्चा होगी. बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सलिल कुमार रॉय, प्रतिकुलपति डॉ शुक्ला महंती, वित्त परामर्शी ब्रजेश तिवारी, कुलसचिव डॉ डीएन महतो, परीक्षा नियंत्रक डॉ गंगा प्रसाद सिंह, एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सुनीत कुमार, टिस की ओर से रोहित जैन, डाउ स्मिथ, प्रदीप गुप्ता, अरुण अग्रवाल, बेस बरुली व अन्य उपस्थित थे.

प्रथम चरण में शहर के तीन कॉलेज

फिलहाल तीन कॉलेज में यह प्रोग्राम शुरू करने का निर्णय लिया गया. इनमें जमशेदपुर स्थित ग्रेजुएट कॉलेज, को-ऑपरेटिव कॉलेज और करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज शामिल हैं. इससे पूर्व गुरुवार को होनेवाली विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल मीटिंग में इसे रखा जायेगा, ताकि इसे विश्वविद्यालय में कोर्स का रूप दिया जा सके.

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