बिना ऑपरेशन पेट से निकाला 36 सेमी का ट्यूब

जमशेदपुर: मरीज के पेट में 5 वर्ष 8 माह 5 दिन से पड़ा 36 सेंटीमीटर लंबा राइस ट्यूब को बिना ऑपरेशन किये मुंह के सहारे निकालने में डॉक्टर को कामयाबी मिली. मेडिका ग्रुप के कांतिलाल गांधी अस्पताल के वरीय डॉक्टर अरुप कुमार बसु के इलाज से मुसाबनी निवासी सन्नी कुमार (25) अब फिट है. राइस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2015 7:48 AM
जमशेदपुर: मरीज के पेट में 5 वर्ष 8 माह 5 दिन से पड़ा 36 सेंटीमीटर लंबा राइस ट्यूब को बिना ऑपरेशन किये मुंह के सहारे निकालने में डॉक्टर को कामयाबी मिली. मेडिका ग्रुप के कांतिलाल गांधी अस्पताल के वरीय डॉक्टर अरुप कुमार बसु के इलाज से मुसाबनी निवासी सन्नी कुमार (25) अब फिट है.

राइस ट्यूब निकालने के तुरंत बाद सन्नी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. सेना से रिटायर कर्नल डॉ आरके बसु ने कहा उनके 25 साल के कैरियर में इस तरह का यह पहला केस है. बुधवार को सन्नी कुमार को जांच के लिए बुलाया गया था. यहां उसे पूरी तरह फिट पाया गया. डॉक्टर बसु ने बताया कि ट्यूब से सन्नी को अंदरुनी जख्म नहीं हुआ वरना खतरनाक हो सकता था.

डॉक्टर अरुप कुमार ने बताया कि 8 सितंबर 2010 को सन्नी की छाती में दर्द के बाद जमशेदपुर के एक बड़े अस्पताल में उसे भरती कराया गया. सांस में तकलीफ के कारण डॉक्टरों ने उसे ऑक्सीजन लगाया. वहीं हल्का आहार देने के लिए नाक में राइस ट्यूब लगा दिया. चार-पांच दिन बाद सन्नी की स्थिति में सुधार आने के बाद उसे छुट्टी दे दी गयी. कुछ दिन बाद उसके पेट में दर्द होने लगा. इसके बाद धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य गिरने लगा, भूख लगना कम हो गया. काफी इलाज के बाद उसके परिजन मेडिका अस्पताल में लेकर आये.
इंडोस्कोपी में दिखा- पेट में कुछ है
डॉ बसु ने बताया कि सन्नी की इंडोस्कोपी करने पर पता चला कि उसके पेट में राइस ट्यूब है. गैस्ट्रोलोजी विशेषज्ञ डॉ बसु ने कहा कि राइस ट्यूब काफी पुराना हो चुका था, जिसके कारण वह फूल गया था. उसका रंग भी बदल गया था. ऑपरेशन के लायक सन्नी का शरीर नहीं था. इस कारण उन्होंने रिस्क लेकर मुंह के सहारे तकनीक के माध्यम से राइस ट्यूब बाहर निकाला.
बेहतर महसूस कर रहा हूं : सन्नी
सन्नी ने बताया कि राइस ट्यूब निकालने के बाद वह बेहतर महसूस कर रहा है. उसके पिता डमर बहादुर तुरामडीह में काम करते हैं. वह ड्राइवर है. डॉक्टर ने खान-पान पर विशेष ख्याल रखने की सलाह दी है.

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