परीक्षा के एक माह पहले हार्ट सजर्री, फिर भी टॉप
जमशेदपुर: अगर हौंसला बुलंद हो तो किसी भी छात्र या व्यक्ति को कामयाबी मिल सकती है. यह साबित कर दिखाया है बारीडीह बागुननगर के रहने वाले अशोक चौधरी के पुत्र अविनाश चौधरी ने. बारीडीह बस्ती स्थित सिटी पब्लिक स्कूल के इस छात्र ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक की परीक्षा में 76 फीसदी अंक हासिल […]
जमशेदपुर: अगर हौंसला बुलंद हो तो किसी भी छात्र या व्यक्ति को कामयाबी मिल सकती है. यह साबित कर दिखाया है बारीडीह बागुननगर के रहने वाले अशोक चौधरी के पुत्र अविनाश चौधरी ने. बारीडीह बस्ती स्थित सिटी पब्लिक स्कूल के इस छात्र ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक की परीक्षा में 76 फीसदी अंक हासिल किया है और स्कूल का टॉपर भी बना है. अविनाश चौधरी ने दिल का ऑपरेशन होने के एक माह के बाद ही मैट्रिक की परीक्षा दी थी और अपनी मेहनत के बल पर यह सफलता हासिल की है. बागुननगर ए ब्लॉक 74 नंबर क्वार्टर निवासी अशोक कुमार चौधरी के पुत्र अविनाश चौधरी का बचपन से ही दिल में छेद था.
ब्रह्नानंद हृलयालय अस्पताल मेंउसका इलाज चल रहा था. चिकित्सकों ने 31 दिसंबर 2012 को अस्पताल में भरती करने को कहा और दिल के छेद का ऑपरेशन करने के लिए 3 जनवरी 2013 का दिन सुनिश्चित किया. बच्चे का मैट्रिक की परीक्षा भी सिर पर थी और चिकित्सकों ने कहा था कि ऑपरेशन अभी करा लेने से ठीक होगा. निजी ट्रांस्पोर्ट कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी करने वाले अशोक चौधरी ने पैसे का जुगाड़ लगाकर बेटे का इलाज कराया. यह चिंता अविनाश को भी थी और उसके पिता को भी कि मैट्रिक की परीक्षा वह कैसे देगा.
उसका 9 जनवरी तक अस्पताल में ही इलाज हुआ और उसको डिस्चार्ज किया. पहले से ही अविनाश ने पढ़ाई की थी और अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी उसने पढ़ाई को नहीं छोड़ा और रिवीजन करते हुए पढ़ाई पूरी की और 23 फरवरी 2013 से शुरू हुए मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण ही नहीं हुआ अलबत्ता 76% अंक हासिल कर स्कूल टॉपर बना. उसने साबित की है कि इच्छाशक्ति हो तो कामयाबी हासिल की.