कमजोर बारगेनिंग के चलते नुकसान!

जमशेदपुर: टाटा स्टील में बोनस की ओर कर्मचारियों की निगाहें टिकी हुई है. पिछले साल ही बोनस को लेकर मैनेजमेंट और यूनियन के बीच समझौता हुआ था. यह समझौता तीन साल के लिए किया गया है. टाटा स्टील के कर्मचारियों को पिछले साल 17.69 फीसदी बोनस मिला था. तीन साल के लिए बोनस का फामरूला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2013 10:05 AM

जमशेदपुर: टाटा स्टील में बोनस की ओर कर्मचारियों की निगाहें टिकी हुई है. पिछले साल ही बोनस को लेकर मैनेजमेंट और यूनियन के बीच समझौता हुआ था. यह समझौता तीन साल के लिए किया गया है. टाटा स्टील के कर्मचारियों को पिछले साल 17.69 फीसदी बोनस मिला था. तीन साल के लिए बोनस का फामरूला भी तय कर लिया गया है. इसके अनुसार कंपनी के विशुद्ध मुनाफे (टैक्स देने के बाद का मुनाफा और किसी चीज की बिक्री, संपत्ति और परिसंपत्तियों के बिक्री की राशि को हटाकर) का 2.95 फीसदी हिस्सा बोनस में मिलेगा.

यह बोनस समझौता वर्ष 2012-2013 और वर्ष 2013-2014 पर लागू किया गया है. इसमें सिर्फ मुनाफा को ही जोड़ा गया है. अब समझौता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. आरोप लगाया जा रहा है कि यूनियन के आला नेतृत्व में कमजोर बारगेनिंग पावर है, जिसका नतीजा इस बोनस समझौते में दिख रहा है.

चूंकि, यूनियन के पदाधिकारियों ने खुद समझौता किया है, इस कारण वे समझौता को गलत मानने को तैयार नहीं है, लेकिन यूनियन के आला नेतृत्व पर बोनस समझौते को लेकर सवाल जरूर उठने लगे हैं और उन्हें हुए नुकसान का एहसास भी है.

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