जमशेदपुर: सिखों की सुप्रीम धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने निर्देश जारी किया है कि श्री गुरुग्रंथ साहिब को ऐसे घरों में किसी भी सूरत में सुशोभित नहीं किया जा सकता है, जहां पर शराब की बार हो, तंबाकू का सेवन किया जाता हो, हलाल का मांस खाया जाता हो या फिर अन्य मादक पदार्थों का सेवन किया जाता हो. सिख धर्म में श्री गुरुग्रंथ साहिब को आराध्य माना जाता है और उसे शराब की बार वाले घरों में रखना अनुचित है. ऐसे घरों में श्री गुरुग्रंथ साहिब को अस्थायी तौर भी नहीं रखा जा सकता.
उन्होंने कहा कि श्री अखंड पाठ केवल गुरुद्वारों या स्वस्थ माहौल वाले घरों में ही किया जा सकता है. इसका आयोजन किसी आपत्तिजनक स्थान पर नहीं किया जाना चाहिए. जमशेदपुर में पहले से ही वैसी किसी जगह जहां साफ-सफाई आदि की बेहतर व्यवस्था नहीं हो, वहां श्री गुरुग्रंथ साहिब को ले जाने पर पाबंदी लगी हुई है.
पहले कुछ गुरुद्वारों में पास के मैदान में ही बड़े आयोजन पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया जाता था, लेकिन अब उस पर भी काफी हद तक कमी आ गयी है. इसके अलावा जमशेदपुर के कई घरों में भी सुबह और शाम श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया जाता है. कई परिवारों ने मर्यादा पूरी नहीं कर पाने की स्थिति में गुरुद्वारों में श्री गुरुग्रंथ साहिब को सौंप दिया है.